कर्नाटक,
पश्चिम बंगाल और दिल्ली के 32 प्रजातियों के फूल व जिप्सो व बेबीज ब्रीथ जैसे विदेशी फूल भी वातावरण को महकाएंगे। इन फूलों से हनुमान मंदिर और अक्षयवट कॉरिडोर को आकर्षक रूप दिया जाएगा। दो दिन पहले ही तीन ट्रक फूल संगम तट पर लाए गए हैं। 15 किस्मों में लाल, सफेद, पीला, बादामी, रानी आदि रंगों के गुलाब शामिल हैं।
कोलकाता से मंगवाई गई गेंदे के फूल की दो किस्में
इसके अलावा, कोलकाता से गेंदे के फूल की दो किस्में आई हैं। इसी तरह लिली व आर्किड के फूल भी मंगाए गए हैं। यही नहीं कई विदेशी प्रजाति के फूल भी शामिल हैं जिनकी कीमत 600 से 700 रुपये प्रति वंच है। इनमें कार्नेशन स्टार एनाइस, बेबीज ब्रीथ, जिप्सो के अलावा डेजी आदि शामिल हैं।
फूलों के साथ ही कई तरह के पत्ते भी मंगाए गए
कारीगरों ने बताया कि इन फूलों को कई दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। कई प्रजातियों के फूलों को पहले से बुक कराकर मंगाया गया है। सजावट के लिए फूलों के साथ ही कई तरह के पत्ते भी मंगाए गए हैं। इनमें मनोकामना, ताल पत्ता, यार्चा, पाम व बॉल एस्परैगस, द्रसिनिया जैसे पौधों के पत्ते शामिल हैं। जिन्हें सजावट में इस्तेमाल किया जाएगा। चार दिनों से रात-दिन काम में जुटे 250 मजदूर
पीएम के कार्यक्रम के पहले मंच को फूलों से सजाने के लिए करीब 250 मजदूर पिछले चार दिनों से रात-दिन काम कर रहे हैं। संगम नोज पर बने पंडाल में फूलों से स्वागत द्वार व छावनी आदि बनाने का काम चल रहा है। ये कारीगर लखनऊ की एक फ्लावर डेकोरेशन एजेंसी से बुलाए गए हैं जो मूलतः पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।