बड़ी बात ये है कि जिस जगह से नहर फूटी है, वहां की मेढ़ पर सडक़ ही 15 फीट चौड़ी है। जिसमें पत्थर की पिचिंग है। ऐसे में नहर का अचानक फूटने से अधिकारी और क्षेत्र के किसान भी हैरान हैं। हालांकि क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहर के दोनों तरफ जंगल है, जिसमें कई बार कबरबिज्जू देखा गया है। यह प्राणी जमीन खोदकर ही अपना ठिकाना बनाता है। संभावना है कि कबरबिज्जू ने ही नहर की मेढ़ को खोखला कर दिया हो। वहीं काली मिट्टी पर बनी नहर खोखली होने के कारण पानी का दबाव नहीं सह सकी और लगातार कमजोर होती हुई फूट गई। हालांकि यह बात अच्छी रही कि फूटी नहर का पानी नजदीक के नाले में बह गया। इससे खेतों में कोई नुकसानी नहीं हुई।
नहर फूटने की खबर मिलने पर केवलारी विधायक रजनीश सिंह और सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री विनोद उइके मौके पर पहुंचे नहर की स्थिति देखी और क्षेत्र के किसानों से मुलाकात कर नहर फूटने के कारणों के विषय में चर्चा किया। विधायक ने कार्यपालन यंत्री से कहा कि नहर का निरीक्षण कर देखा है कि जिस जगह से नहर फूटी है, वहां का पानी नाले में बह गया है, इससे किसानों को कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पानी की बर्बादी हुई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इसका सुधार जल्द किया जाए। वहीं किसानों व एसडीओ उदयभान मर्सकोले ने विधायक को बताया कि कबरबिज्जू नामक प्राणी के कारण नहर हुई है। अंदरूनी सतह पर पानी का रिसाव बना और नहर फूट गई। पानी रोककर नहर का सुधार कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
कलेक्टर को बताए हालात, 48 घंटे का दिया समय
मसूरभांवरी के पास भीमगढ़ बांयी तट मुख्य नहर 20 फीट चौड़ी जगह से फूटी है। जिससे किसानों को जरूरत के समय में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने की समस्या होगी। इस सम्बंध में केवलारी विधायक ने सिवनी पहुंचकर कलेक्टर संस्कृति जैन से विस्तृत चर्चा कर नहर के हालात और किसानों के लिए वर्तमान में पानी की मांग के विषय में बताया। तब कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग के सीई अशोक डहेरिया से दूरभाष के माध्यम से बात कर टूटी कैनाल का 48 घंटे में मरम्मत कार्य कराकर किसानों को सुचारू रूप से पानी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
किसानों ने कहा फिर फूट सकती हैं नहरें
नहर फूटने पर पहुंचे अधिकारियों ने क्षेत्रीय किसान माली धुर्वे, संतोष, धनलाल कुमरे, ज्ञानसिंह भलावी, कृष्णकुमार उइके व अन्य से चर्चा कर पंचनामा बनाया गया। जिसमें किसानों ने बताया कि नहर के आसपास कई जगह कबरबिज्जू आदि हैं। इनके कारण नहर कमजोर हो सकती है। कहा कि आगे के हिस्सों में भी कबरबिज्जू देखे जाते रहे हैं। बताया कि किसानों ने नहर से पानी लेने के लिए दो मोटरें लगा रखी थी, नहर के साथ मोटरें भी बह गईं। किसानों ने कहा कि सीमेंटीकरण जरूरी है, अन्यथा बार-बार नहर फूटने की स्थिति बनती रहेगी।
बांध से 800 क्यूसेक पानी बांयी तट नहर में चल रहा था। तभी रात तीन बजे नहर फूट गई। कबरबिज्जू के कारण नहर फूटने की बात कही जा रही है। नहर का पानी सर्विस रोड की तरफ से नाले में चला गया है। क्षतिग्रस्त जगह के ऊपरी हिस्से में 100 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। मरम्मत शुरू कर दी गई है। 48 घंटे में काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद पुन: पानी का लेबल बढ़ाया जाएगा।
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जब रात में नहर फूटने का पता चला, तभी हम मौके पर पहुंच गए थे। 40 साल में पहली बार लेफ्ट बैंक केनाल फूटी है। इसका फूटना कोई साधारण बात नहीं है। किसान बता रहे हैं, कबरबिज्जू नहर को खोखला कर रहे हैं। इतने वर्षों से बिना लाइनिंग के खड़ी नहर में कहीं भी-कभी भी फूटने की स्थिति बन सकती है। हालांकि इसकी लाइनिंग के लिए टेंडर लग गए हैं, आगामी समय में काम होगा।
श्रीराम बघेल, एसडीओ सिंचाई विभाग, केवलारी