राजधानी में सांड़ों की लड़ाई में विदेशी पर्यटक जपन लैम्प की मौत हो गई थी। उस समय निगम ने अभियान चलाया। अवैध डेयरियों पर सख्ती की। पशुओं को जब्त किया तो संख्या 25 हजार के पार पहुंच गई। एक महीने में लोग इनको वापस ले गए। यानी 12000 से अधिक गोवंश अभी नगर निगम सीमा क्षेत्र में है। इनमें से 60 से 70 फीसदी गोवंश परकोटे में है। इसके बाद भी निगम कोई कार्रवाई नहीं करता।
निगम का हाल ये:
उपायुक्त एक दूसरे पर ही डाल रहे जिम्मेदारी
जयपुर। हैरिटेज नगर निगम सीमा क्षेत्र में अधिकारियों की शह पर ही अवैध डेयरियों का संचालन हो रहा है। नाहरगढ़ रोड स्थित तोलाराम पालीवाल की गली में अवैध रूप से चल रही डेयरी को हटाने के लिए निगम के दो उपायुक्त आपस में पत्राचार कर रहे हैं। कई बार क्षेत्रीय लोग और डेयरी संचालक आमने—सामने हो चुके हैं।
—तोलाराम पालीवाल की गली के लोगों ने सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत की। इसके निस्तारण के लिए पशु प्रबंधन शाखा की उपायुक्त दिपाली भागोतिया ने उपायुक्त, किशनपोल जोन हंसा मीणा को पत्र लिखा और इसमें कार्रवाई करने को कहा।
—11 जनवरी को किशनपोल जोन उपायुक्त की ओर से पशु प्रबंधन शाखा में पत्र भेजा गया। इसमें लिखा कि ये काम पशु प्रबंधन शाखा, मुख्यालय से होना है। जोन सहयोग कर देगा।
—स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से अवैध डेयरी की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन 2019 में एक बार ही कार्रवाई हुई है।
ये है स्थिति
—हवामहल जोन के पास ही अवैध डेयरी का संचालन किया जा रहा है। इसके जानवर दिन भी जोन कार्यालय के सामने से आते—जाते हैं, इसके बाद भी निगम की टीम कोई कार्रवाई नहीं करती। वर्ष 2017 में इस अवैध डेयरी को ढहा दिया था, लेकिन धीरे—धीरे पक्का निर्माण फिर से कर लिया और डेयरी का संचालन भी शुरू हो गया।
—इसके अलावा परकोटे में 200 से अधिक अवैध डेयरियों का संचालन हो रहा हैं। कार्रवाई के लिए पशु प्रबंधन शाखा में पर्याप्त स्टाफ भी है। फिर भी कार्रवाई नहीं हो रही।