राजस्थान सरकार प्रदेश की जियो हेरिटेज साइट्स के संरक्षण व संवर्द्धन को लेकर गंभीर है। प्रदेश की जियो हेरिटेज साइट्स के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए इनके रखरखाव व संरक्षण की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इससे भू पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं पीएचईडी डा. सुबोध अग्रवाल ने किशनगढ़ की नैफलीन साइनाइट व ब्यावर-पाली से जुड़ी सैंदड़ा ग्रेनाइट साइट्स का अधिकारियों के साथ दौरा किया। प्रदेश की साइट्स को जियो हेरिटेज साइट्स के रुप में रखा गया है। किशनगढ़ नेफेलिन सायनेट 1590 से 1890 लाख साल पहले हुई टेकटोनिक एक्टिविटी से बना है। यह एक क्षारीय अंतर्भेदी आग्नेय प्लूटन है, जो अरावली क्रेटन में मेटामोर्फाइट्स के एंटीफॉर्म के मूल के साथ-साथ विस्थापित है। सेंदरा ग्रेनाइट 900 लाख साल पहले हुई टेकटोनिक एक्टिविटी से बना है, इसमें पाए जाने वाले विशेष प्रकार के आकृतियां पॉट होल्स, स्केलेटन हेड, स्नेक हेड, ईगल शेप, टोर रॉक ग्रेनाइटीक लैंडफॉर्म है, जो की पानी और हवा के दवारा वेदरिंग एवं एरोसन से बने है।
खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति राजस्थान सरकार गंभीर सरकार खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है। राज्यभर में खनि क्षेत्रों में प्राथमिकता से स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर श्रमिकों में अवेयरनेस, खनन सुरक्षा संसाधनों के उपयोग के प्रति प्रेरित करने, मास्क आदि आवश्यक किट का वितरण और सिलिकोसिस जैसी बीमारी के लक्षण दिखने पर वित्तीय सहायता व ईलाज की व्यवस्था करवाई जा रही है। आरंभिक सूचना के अनुसार माइंस विभाग की ओर से अप्रेल से अब तक करीब 600 स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन कर लगभग 20 हजार श्रमिकों को लाभान्वित किया जा चुका है। इसके साथ ही 325 से अधिक जागरुकता शिविरों का अयोजन किया गया है।