न्यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक, मिर्गी के अलावा न्यूरोलॉजी समस्याओं से ग्रस्त मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। हाल ये है कि न्यूरोलोजी विभाग की ओपीडी में रोजाना दो हजार से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। उनमें से 50 से ज्यादा मरीजों की हालत गंभीर होने पर भर्ती किया जाता है। इमरजेंसी में भी रोजाना 8 से 10 लकवाग्रस्त मरीज पहुंचते हैं। इनमें कई मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें तुरंत आइसीयू की जरूरत होती है।
इसलिए पड़ रही जरूरत
फिलहाल अस्पताल में न्यूरोलॉजी विभाग के पास कोई आइसीयू नहीं है। ऐसे में न्यूरोलॉजी विभाग को बेड आवंटित किए हुए हैं वो भी अमूमन फुल ही रहते हैं। ऐसे में नए मरीजों को आइसीयू में बेड दिलवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। यह समस्या देखते हुए सरकार ने न्यूरो आइसीयू की सौगात दी है।
एक जगह मिलेगी सुविधा
खास बात है कि इस आइसीयू को ब्रेन स्ट्रोक आइसीयू और एमआरआइ जांच सेेंटर के बीच में बनाया गया है। वार्ड भी इसके समीप हैं। ऐसे में मरीज व उनके परिजन को भटकना नहीं पड़ेगा, एक ही जगह सुविधा मिल जाएगी। इनमें अलग-अलग बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए अलग-अलग बेड आवंटित किए जाएंगे। न्यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को अब एक ही छत के नीचे पूरा इलाज मिल सकेगा। बेड के लिए भी परेशानी नहीं होगी। खास बात है कि यह आइसीयू अत्याधुनिक है। – डॉ. भावना शर्मा, विभागाध्यक्ष, न्यूरोलॉजी विभाग, एसएमएस अस्पताल