विवाद की शुरूआत यहां से हुई
दरअसल, राजस्थान में शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से ही होते आए हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जनवरी माह की शुरूआत में तेज सर्दी पड़ने के कारण अक्सर जिला कलक्टर्स की ओर से स्कूलों में अवकाश कर दिया जाता है। कई बार तो 14 जनवरी तक तेज सर्दी के कारण अवकाश हो जाता है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस कारण पिछले दिनों शिक्षा मंत्री ने बयान दिया था कि इस सत्र में तेज सर्दी के दौरान ही शीतकालीन अवकाश घोषित किए जाएंगे। ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। शिक्षा मंत्री के इस बयान से बच्चों, शिक्षिकों व अभिभावकों ने विरोध भी किया। पूर्व में अवकाश घोषित होने से कई अभिभावक अपने बच्चों के साथ घूमने-फिरने की प्लानिंग व अन्य सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, लेकिन अवकाश के असमंजस के कारण ये काम प्रभावित होंगे।
पहले शीतकालीन अवकाश में रखी परीक्षा, अब बदल दी तारीख
माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से पहली बार राज्य स्तर पर कक्षा नौ से बारहवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस बार ये परीक्षाएं 12 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक आयोजित की जानी थी। इसमें दो परीक्षाएं 26 व 27 दिसम्बर को भी रखी गई। परीक्षा का टाइम टेबल जारी होते ही शीतकालीन अवकाश को लेकर असमंजस पैदा हो गया। जब शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से होते आए हैं तो 26 व 27 दिसम्बर को परीक्षाएं क्यों रखी गई ? इसका राजस्थान के अधिकांश शिक्षक संघों ने विरोध किया। इसके बाद अब शिक्षा विभाग ने 26 व 27 दिसम्बर को होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथियां बदल दी हैं। ये परीक्षाएं 25 दिसम्बर से पहले ही होंगी। अब शीतकालीन अवकाश पर असमंसज क्यों?
हालांकि शिक्षा विभाग ने शीतकालीन अवकाश के दौरान होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव किया हो, लेकिन शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से ही होंगे, इसको लेकर अभी तक कोई स्पष्ट स्थिति नहीं बन पाई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पूर्व में ही कह चुके हैं कि तेज सर्दियों को देखते हुए ही शीतकालीन अवकाश घोषित किए जाएंगे। इधर शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग ने शीतकालीन अवकाश को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुुए हैं।