जानकारी के अनुसार, पिछले कई माह से चोरी के मामले में फरार चल रहे एक युवक को 30 जून को पुलिस ने उसके गांव से गिरफ्तार किया था। सात दिन तक पुलिस कस्टडी में रहने के बाद 6 जुलाई की रात उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में हिरासत में ही मौत हो गई थी।
इस प्रकरण में सरकार थाने में तैनात कुल 36 पुलिसकर्मियों में से 8 को पहले ही निलंबित कर चुकी है। शेष पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया है। हिरासत में मौत को लेकर संभवत: यह पहला मामला है, जिसमें पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। हालांंकि आदेशों में सरकार ने प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया है।
पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप
सरदारशहर के गांव सोनपालसर के युवक की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत के मामले में नया मोड़ आया है। उसकी भाभी और परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर सामूहिक बलात्कार ( rajasthan rape news ) का आरोप लगाया है। साथ ही दोनों मामलों में सीबीआइ जांच की मांग की है।
वहीं, पीडि़ता एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में भर्ती है। इसकी सूचना पर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी वहां पहुंचे और आंदोलन की चेतावनी दी। इधर, परिजनों ने पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की। उन्होंने घटना की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी है। पीडि़ता ने आधा दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उससे मारपीट की।
जबरन कुछ कागजों पर अंगूठा लगवाया व दस्तखत करवाए। आरोप है कि बलात्कार के बाद देवर की हत्या वाली बात किसी को नहीं बताने की धमकी दी। भारत एकता मंच के संयोजक रोशन मुंडोतिया, राजस्थान प्रदेश नायक महासभा के जयपुर जिलाध्यक्ष बिहारी लाल नायक ने बताया कि आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की गई तो 15 जुलाई को विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
परिजन शुक्रवार को मिले थे। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी है।
– भूपेन्द्र सिंह, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान