एसीबी अधिकारियों ने बबिता के घर की तलाशी ली तो घर की अलमारी में 5.80 लाख रुपए की नकदी मिली है। इसके बारे में बबिता और अमरदीप कोई जवाब नहीं दे पाए। वहीं, बैंक खातों के बारे में जानकारी करने पर पहले तो खाता होने से ही इनकार कर दिया, लेकिन जब तथ्य सामने रखे तो दोनों ने चुप्पी साध ली।
खास बात यह रही कि बबिता के घर की तलाशी में करीब दस लाख रुपए के गहनों की खरीदारी के बिल मिले हैं, लेकिन घर में गहने नहीं मिले। एसीबी ने लॉकर होने के बारे में पूछा तो दोनों ने इनकार कर दिया। जबकि बिल होने के बावजूद गहने नहीं मिलने के सवाल पर मुंह बंद कर लिया।
एसीबी ने अमरदीप चौधरी का मोबाइल नंबरों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ट्रू कॉलर पर जांचा तो उसमें उसकी पहचान एसीपी क्राइम ब्रांच के नाम से आ रही थी। एसीबी को संदेह है कि कहीं लोगों को ठगने या भ्रमित करने के लिए तो यह पद नाम आईडी में नहीं डाला गया। एसीबी इसकी भी जांच कर रही है, वहीं लैपटॉप और मोबाइल को भी जांच के लिए एफएसएल भेज दिया है, जिसमें वाट्सएप पर चैटिंग और कॉलिंग की जानकारी ली जा सके।