scriptKanya Puja Navratri: इस नवरात्रि एक ही दिन होगी कन्या पूजा, आयु के अनुसार जानें कन्या पूजन का फल | Kanya Puja Navratri 2024 kanya puja date muhurt ayu anusar kanya puja ka fal aur mahatv Kanya Puja fal according to age | Patrika News
धर्म-कर्म

Kanya Puja Navratri: इस नवरात्रि एक ही दिन होगी कन्या पूजा, आयु के अनुसार जानें कन्या पूजन का फल

Kanya Puja Navratri: कन्या पूजा नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है। मान्यता है कि बिना कन्या पूजा के व्रत पूर्ण नहीं होता है। इसलिए इस दिन माता का स्वरूप मानकर 9 कन्याओं और भैरव स्वरूप लांगुर की पूजा की जाती है। इस नवरात्रि महाष्टमी और महानवमी का व्रत एक ही दिन होगा। इस कारण कन्या पूजा भी एक ही दिन होगी। आइये जानते हैं आयु के अनुसार कन्या पूजा का फल

जयपुरOct 07, 2024 / 12:12 pm

Pravin Pandey

Kanya Puja Navratri 2024

Kanya Puja Navratri 2024: कन्या पूजा का महत्व

कन्या पूजन का महत्व (Kanya Puja Ka Mahatv)

नवरात्रि के अंतिम दिन कुंआरी कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को भोजन कराने से घर में सुख, शांति और संपन्नता आती है। कन्या पूजन की कन्याएं 10 वर्ष से कम आयु की हों तो जातक को कभी धन की कमी नही होती और उसका जीवन उन्नतशील रहता है।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है, जिसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। 12 अक्टूबर को माता दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन होगा। नवरात्रि में आमतौर पर नवमी को कन्याओं का पूजन करके उन्हें भोजन कराया जाता है। लेकिन कुछ श्रद्धालु अष्टमी को भी कन्या पूजन करते हैं।

शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन में 2 से 10 साल तक उम्र की नौ कन्याओं को भोजन कराने से हर तरह के दोष खत्म होते हैं। कन्याओं को भोजन करवाने से पहले देवी को नैवेद्य लगाएं और भेंट करने वाली चीजें भी पहले देवी को चढ़ाएं। इसके बाद कन्या भोज और पूजन करें। कन्या भोजन न करवा पाएं तो भोजन बनाने का कच्चा सामान जैसे चावल, आटा, सब्जी और फल कन्या के घर जाकर उन्हें भेंट कर सकते हैं।

कन्या पूजा की डेट और मुहूर्त (kanya puja date muhurt)

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे से आरंभ हो रही है और 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे समाप्त हो रही है। अष्टमी तिथि के समाप्त होते ही नवमी तिथि शुरू हो जाएगी, जिसका समापन 12 अक्टूबर को सुबह 10:57 बजे होगा।
उदयातिथि के आधार पर इस बार अष्टमी और नवमी तिथि का व्रत 11 अक्टूबर 2024 को एक दिन ही रखा जाएगा। इस आधार पर महाअष्टमी और महानवमी तिथि 11 अक्टूबर 2024 को है और इसी दिन कन्या पूजन करेंगे।

डॉ. व्यास के अनुसार महाष्टमी पर कन्या पूजन 11 अक्टूबर को सुबह 07:47 बजे से लेकर 10:41 बजे तक कर सकते हैं। इसके बाद दोपहर 12:08 बजे से लेकर 1:35 बजे तक कर सकते हैं।

कन्या पूजा का फल (kanya puja ka fal)

2 साल की कन्या की पूजा का फल

भविष्यवक्ता और कुण्डली विशलेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि 2 साल की कन्या को कौमारी कहा जाता है। इनकी पूजा से दुख और दरिद्रता खत्म होती है।

3 साल की कन्या की पूजा का फल

डॉ. अनीष व्यास के अनुसार 3 साल की कन्या त्रिमूर्ति मानी जाती है। त्रिमूर्ति के पूजन से धन-धान्य का आगमन और परिवार का कल्याण होता है।

4 साल की कन्या की पूजा का फल

4 साल की कन्या कल्याणी मानी जाती है। इनकी पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है।

5 साल की कन्या की पूजा का फल

5 साल की कन्या रोहिणी माना गया है। इनकी पूजन से रोग-मुक्ति मिलती है।

6 साल की कन्या की पूजा का फल

6 साल की कन्या कालिका होती है। इनकी पूजा से विद्या और राजयोग की प्राप्ति होती है।

7 साल की कन्या की पूजा का फल

7 साल की कन्या को चंडिका माना जाता है। इनकी पूजा से ऐश्वर्य मिलता है।

8 साल की कन्या की पूजा का फल

8 साल की कन्या शांभवी होती है। इनकी पूजा से लोकप्रियता प्राप्त होती है।

9 साल की कन्या की पूजा का फल

9 साल की कन्या दुर्गा को दुर्गा कहा गया है। इनकी पूजा से शत्रु विजय और असाध्य कार्य सिद्ध होते हैं।

10 साल की कन्या की पूजा का फल

10 साल की कन्या सुभद्रा मानी जाती है। सुभद्रा के पूजन से मनोरथ पूर्ण होते हैं और सुख मिलता है।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Kanya Puja Navratri: इस नवरात्रि एक ही दिन होगी कन्या पूजा, आयु के अनुसार जानें कन्या पूजन का फल

ट्रेंडिंग वीडियो