इस माह राज्यसभा चुनाव है। इस माह के अंत में या मार्च के प्रथम सप्ताह में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगनी है। सबसे ज्यादा परेशानी प्रदेश कार्यालय महामंत्री को लेकर ही है। लंबे समय से इस पद की सीएम भजनलाल शर्मा बखूबी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब वे सीएम बन चुके हैं, लेकिन दो माह बाद भी इस पद के लिए पार्टी अभी योग्य नेता नहीं तलाश पाई है। कार्यालय महामंत्री ही वह पद है, जो केंद्र और राज्य संगठन के बीच समन्वय बनाकर काम करता है। भाजपा ने संगठन में पांच नेताओं को महामंत्री बना रखा था, अब तीन महामंत्री ही काम कर रहे हैं। प्रदेश मंत्री का एक पद भी अब रिक्त हो चुका है। प्रदेश मंत्री रहे हीरा लाल नागर सरकार में मंत्री बन चुके हैं।
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प्रदेश संगठन महामंत्री रहे चंद्रशेखर गणतंत्र दिवस से पहले नई जिम्मेदारी संभालने तेलंगाना जा चुके हैं। इस पद पर अभी पार्टी ने किसी को नहीं लगाया है। मंडल स्तर तक के काम पर निगरानी करने वाले संगठन महामंत्री का पद रिक्त होना भाजपा के बड़े नेताओं को खटक रहा है। इस पद के लिए तीन-चार राज्यों के संगठन महामंत्रियों के अलावा संघ से किसी नए व्यक्ति को लेने पर भी विचार चल रहा है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।