बिल जनरेट करना, पेमेंट करना, बिजली आपूर्ति की समस्या, पिछले बिलों की जानकारी, लोड, टेरिफ व बिल नाम में परिवर्तन, शिकायत या नए कनेक्शन की एप्लीकेशन देना, एप्लीकेशन की स्थिति ट्रेक करना हो, बिजली गुल होने की स्थिति, गांवों में ट्रांसफार्मर बदलवाना हो सब इस एप से संभव होगा। उपभोक्ता की जीपीएस लोकेशन आने की वजह से निगम उसे आसानी से ट्रैक कर उसकी समस्या का समाधान करा सकेगा। उपभोक्ता की समस्या या शिकायत की स्थिति, अधिकारी की जानकारी और क्या समाधान हुआ इसकी सूचना भी एप नोटिफिकेशन के जरिए उसे मिल सकेगी।
निगम अधिकारियों के मुताबिक एप को डाउनलोड करने के बाद उपभोक्ता को पंजीकरण करने के दौरान अन्य जानकारियों के साथ-साथ बिल में से देखकर 13 अंकों का ‘के नम्बर’ दर्ज करना होगा। ये नम्बर निगम की ओर से जारी प्रत्येक उपभोक्ता के यूनिक आइडी नम्बर होते है। पंजीकरण के बाद उपभोक्ता इस एप का कभी भी इस्तेमाल कर सकता है।
‘बिजली मित्र’ एप नई बिलिंग प्रणाली को सपोर्ट करता है। जयपुर शहर में अभी पुरानी ही प्रणाली से बिल बनाए जा रहे है, जिसकी वजह से उपभोक्ता सितम्बर तक इसके फायदों से वंचित रहेंगे। जयपुर शहर के अलावा 12 जिलों में जहां मंथली स्पॉट बिलिंग शुरू हो चुकी है वहां के उपभोक्ता इससे जुड़ सकते हैं। जयपुर में नई प्रणाली से बिल सितम्बर से शुरू होंगे, जिसके बाद यहां के उपभोक्ता भी इसका लाभ ले सकेंगे।
यह बहुउपयोगी एप है, जिसके इस्तेमाल के बाद उपभोक्ता को बिजली निगम के दफ्तर आने की जरुरत नहीं पड़ेगी। वे घर बैठे ही अपनी हर समस्या का समाधान पा सकेंगे। सितम्बर से जयपुर शहर के उपभोक्ता भी इसका लाभ उठा सकेेंगे।
आर जी गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक, जयपुर डिस्कॉम