तीनों ही शहरों में हर निकाय की जनसंख्या इससे कम है। जबकि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 15 लाख से ज्यादा आबादी पर ही 150 वार्ड निर्धारित कर दिए थे। भाजपा सरकार ने
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की अधिसूचना को निरस्त कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन तीनों शहरों में फिर से एक ही नगर निगम बनाने की दिशा में सरकार ने पहला कदम बढ़ा लिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निगम, परिषद व पालिकाओं में जनसंख्या के आधार वार्ड निर्धारण की अधिसूचना जारी कर दी है।
जनसंख्या स्लैब ये
5 से 8 लाख जनसंख्या के स्लैब को बढ़ाकर 10 लाख तक कर दिया है। इसके आगे भी दो अलग-अलग स्लैब में बांट दिया। पहले 8 से 10 और 10 से 15 लाख जनसंख्या का एक स्लैब था, लेकिन अब 10 से 13, 13 से 15, 15 से 25 और 25 से 35 लाख जनसंख्या का अलग-अलग स्लैब बनाया गया है। इसी आधार पर वार्ड तय किए गए हैं।