नकद राशि और शराब की जब्ती को देते हैं महत्व
मतदाताओं को लुभाकर चुनाव को प्रभावित करने में नकद राशि और शराब की सबसे अधिक भूमिका रहती है। इस तथ्य के दृष्टिगत राजस्थान निर्वाचन विभाग ने अवैध वस्तुओं की धरपकड़ में नकदी और शराब की जब्ती को अधिक महत्व देते हुए जिलों की रैंकिंग की। भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान की इस “वेटेड रैंकिंग” की पहल की प्रशंसा की है। इस रैंकिंग के अनुसार, दौसा जिला प्रथम, नागौर दूसरे और अलवर तीसरे स्थान पर हैं। दौसा जिले में कुल 21.89 करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुओं की जब्ती हुई है। नागौर में 14.51 करोड़ रुपए और अलवर जिले में 13.52 करोड़ रुपए की अवैध नकदी और वस्तुएं पकड़ी।
दौसा, झुंझुनू और अलवर में बड़ी कार्रवाई
आचार संहिता की अवधि के दौरान अवैध वस्तुओं और नकदी के परिवहन एवं वितरण के सम्बन्ध में बड़ी कार्रवाई में दौसा जिले में एक वाहन से 1.96 करोड़ रुपए नकद राशि जब्त की गई। झुंझुनंू जिले के बगड़ में भी नाकेबंदी के दौरान बीते 3.4 लाख रुपए नकद और लगभग 35 लाख रुपए मूल्य के सोने की जब्ती की। एक अन्य प्रकरण में अलवर जिले में एक नाके पर वाहनों की तलाशी कर जांच टीमों ने दो कारों से कुल 36.95 लाख रुपए नकद जब्त किए। दौसा में ही एक कंटेनर में खाद्य सामग्री की आड़ में अवैध शराब का परिवहन किया जा रहा था। इस कंटेनर में हरियाणा में निर्मित अवैध शराब पकड़ी गई, जिसकी कीमत लगभग 23 लाख रुपए है।