राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘
NEET परीक्षा के पेपर लीक होने की खबरें पहले सामने आईं और अब
NEET परीक्षा परिणाम में धांधली होने के समाचार सामने आ रहे हैं। एक ही परीक्षा केंद्र के 6 परीक्षार्थियों के 720 में से 720 अंक आना, बोनस अंकों का वितरण जैसी कई गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिन पर छात्रों एवं उनके अभिभावकों ने आपत्ति दर्ज करवाई है।’
पायलट ने कहा कि ‘इस प्रकार का खिलवाड़ लाखों छात्रों की मेहनत, सपनों और भविष्य पर कुठाराघात है, जो वर्षों तक लगन और समर्पण के साथ परीक्षा की तैयारी करते हैं। छात्र और उनके माता-पिता कई उम्मीदों के साथ अपने बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं परंतु, जब परीक्षा में धांधली होती है तो इनकी उम्मीदें टूट जाती हैं।’
छात्रों की समस्याओं का करें निस्तारण- पायलट
उन्होंने आगे कहा कि ‘इससे साफ है कि केंद्र सरकार न तो छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित है और न ही पारदर्शिता से प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करने में सक्षम। केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि छात्रों के भविष्य से जुड़े इस विषय की गहनता एवं पारदर्शी तरीके से जांच हो और छात्रों की समस्याओं का निस्तारण कर उन्हें जल्द से जल्द न्याय दिया जाए।’ डोटासरा ने भी उठाए सवाल
दूसरी तरफ राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सोशल मीडिया हैंडल पोस्ट कर लिखा कि ‘हमनें पहले ही कहा था कि भाजपा सरकार ने
NEET में चीट से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। एक सेंटर पर 6 अभ्यर्थियों के 720 में से 720 अंक मिलने, एक ही सेंटर पर कई छात्रों के टॉप रैंकिंग में आने, परीक्षा में अनियमितता जैसे गंभीर सवाल उठ रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘छात्रा द्वारा NEET में धांधली और गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन भाजपा सरकार इसे अनदेखा कर रही है। सरकार को उच्च स्तरीय जांच करवा कर छात्रों के साथ न्याय करना चाहिए।’