रातों-रात कार्यक्रम में बदलाव
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में अचानक रातों-रात बदलाव हुआ। गुरुवार को जारी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जयपुर से अजमेर और फिर जयपुर वापसी का कार्यक्रम बताया गया। लेकिन आज सुबह संशोधित कार्यक्रम जारी हुआ जिसमें उनके अजमेर से जयपुर वापसी के बजाये दिल्ली रवानगी की जानकारी दी गई।
दिल्ली जाने को लेकर कई कयास
मुख्यमंत्री के अचानक दिल्ली जाने को लेकर अब कई कयास उठने लगे हैं। जारी हुए कार्यक्रम में हालांकि मुख्यमंत्री के स्थानीय कार्यक्रम में शामिल हने की जानकारी दी गई है, लेकिन ये नहीं बताया गया है कि वे दिल्ली से वापस जयपुर कब लौटेंगे? ऐसे में माना जा रहा है कि वे अपने दिल्ली दौरे में प्रदेश कांग्रेस में गरमाये सचिन पायलट प्रकरण को लेकर कई शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात कर सकते हैं।
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पायलट के बाद सीएम की ‘हाज़िरी’!
गहलोत सरकार की कार्यशैली से नाराज़ पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कुछ दिन पहले ही दिल्ली जाकर शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात कर चुके हैं। वे अपनी नाराज़गी की जानकारी और मांगें तफ्सील से आलाकमान तक पहुंचा चुके हैं। वहीं पायलट प्रकरण पर सीएम गहलोत भी प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के मार्फ़त अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन अब उनका व्यक्तिगत दिल्ली जाने की खबर से एक बार फिर कई तरह की चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।
ये जारी हुआ संशोधित कार्यक्रम
मुख्यमंत्री के आज जारी हुए संशोधित कार्यक्रम के अनुसार वे सुबह 11:45 बजे जयपुर से हेलीकॉप्टर के ज़रिए अजमेर के लिए रवाना होंगे। दोपहर सवा 12 बजे अजमेर पहुंचकर चंद्रबरदाई स्टेडियम पर कौशल, नियोजन, उद्यमिता विभाग द्वारा आयोजित मेगा जॉब फेयर का अवलोकन करेंगे।
इसके बाद वे किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुंचकर दोपहर सवा 2 बजे विशेष विमान के ज़रिए दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। दोपहर 3 बजे दिल्ली पहुँचने के बाद का कार्यक्रम फिलहाल जारी नहीं हुआ है।
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रामप्रसाद सुसाइड प्रकरण पर चौतरफा घिरी है सरकार
सीएम गहलोत के दिल्ली जाने का मुख्य कारण स्पष्ट नहीं है इसलिए उनके इस ताज़ा कार्यक्रम को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पायलट प्रकरण के अलावा राजधानी जयपुर में गर्माया रामप्रसाद मीणा सुसाइड प्रकरण भी शामिल है। दरअसल, इस प्रकरण में सरकार के ही कैबिनेट मंत्री महेश जोशी पर संगीन आरोप लग रहे हैं और विरोधी दल इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार को चौतरफा घेरने में लगे हुए हैं। इस गतिरोध को ख़त्म करने से लेकर किसी अन्य एक्शन की संभावनाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री की शीर्ष नेताओं से वार्ता हो सकती है।
फीडबैक नतीजों पर मंथन भी संभावित
वहीं प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और स्वयं मुख्यमंत्री की मौजूदगी में राजस्थान कांग्रेस की फीडबैक बैठकें संपन्न हुई हैं। जयपुर में हुई इन बैठकों में पार्टी के हर विधायक से वन-टू-वन संवाद किया गया है। इनमें विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र का ग्राउंड फीडबैक देते हुए कई सुझाव भी दिए हैं। ऐसे में माना ये भी जा रहा है कि इन तमाम फ़ीडबैक रिपोर्ट्स पर चर्चा करने और आगामी रोडमैप तैयार करने के सिलसिले में भी मुख्यमंत्री आलाकमान से बातचीत कर सकते हैं।