पेट्रोल-डीजल के दामों में एक साल की शांति के बाद फिर हलचल
फेस्टिव सीजन में बढ़ेगी डिमांड
इस समय सरकारी गोदामों में करीब 80 मीट्रिक टन चावल है। यह मांग के अनुरुप वितरण के लिए काफी है। मगर त्योहारी सीजन में अगर डिमांड बढ़ी, उत्पादन में गिरावट आई तो आम आदमी के साथ—साथ सरकार की भी मुश्किलें बढ़ सकती है। दूसरी तरफ, इस बार जो उत्पादन होगा, उसकी खपत देश में होनी है। ऐसे में अगर निर्यात खोल दिया तो इसका असर घरेलू आपूर्ति पर पड़ सकता है।
अरहर एवं उड़द दाल में भारी उछाल…सरकारी सख्ती से भी नहीं टूटे दाम
निर्यात रोक अभी तक जारी
सितंबर 2022 में चावल टूकड़ी के निर्यात पर रोक है और कई दूसरे ग्रेड यानी दूसरे चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगा हुआ है। यह दोनों अभी तक जारी हैं। लेकिन, 20 फीसदी निर्यात शुल्क के बावजूद चावल का निर्यात धीमा नहीं हुआ है और इसलिए शुल्क को कम करने या समाप्त करने की कोई गुंजाइश नहीं है।