मास्टर प्लान को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले में न्यायालय ने जोनल प्लान लागू किए बिना पट्टे देने पर रोक लगा रखी है। इसी कारण सरकार की चिंता बढ़ी और तत्काल एक लाख से ज्यादा आबादी वाले सभी शहरों में जोनल डवलपमेंट प्लान लागू करने के निर्देेश दिए।
समझें— मास्टर प्लान और जोनल प्लान की जरूरत 1. मास्टर प्लान : शहर के विकास का पॉलिसी दस्तावेज है। इसमें पूरे शहर का विकास का वृहद प्लान शामिल है। मसलन, शहर के किस इलाके में भूउपयोग आवासीय, संस्थानिक, कॉमर्शियल होगा। रोड नेटवर्क से लेकर परिवहन, मनोरंजन, आवास से जुड़ा खाका खींचा जाता है। इसमें इलाकेवार विकास का प्लान नहीं होता।
2. जोनल प्लान : भूमि के उपयोग के लिए जोनवार (इलाकेवार) विकास का खाका तैयार होता है। शहर को अलग-अलग जोन में बांटते हैं और हर जोन की अलग से डवलपमेंट योजना बनाई जाती है। इसमें आवास, सार्वजनिक भवन, जनसुविधा केन्द्र, सड़क, मनोरंजन केन्द्र, पार्क, उद्योग, व्यवसाय, बाजार व स्कूल आदि के लिए जगह चिह्नित करते हैं। इसके अलावा बिजली, पानी, अंदरुनी सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओंं से जुड़ी प्लानिंग भी इसी का हिस्सा है। डवलपमेंट फंड कैसे और कहां से आएगा।