इस दौरान शाहिद की चप्पल पानी में गिर गई। वह उसे लेने पानी में उतर गया। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह पानी में डूबने लगा। शाहिद को पानी में डूबते देख समीर उसे बचाने के लिए पानी में उतर गया और इसके बाद दोनों पानी में डूबने लगे। यह देख दूसरे बच्चे घबरा गए और उन्होंने कॉलोनी में आकर बच्चों के डूबने की सूचना दी।
बच्चों के साथ हादसे की सुनते ही उनके परिजन और कॉलोनीवासी दौड़कर वहां पहुंचे। उनमें से कुछ लोग बच्चों को ढूंढऩे पानी में भी कूद गए। काफी तलाश करने के बाद भी बच्चे नहीं मिले। इस बीच कुछ लोगों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस और सिविल डिफेंस की टीम ने सर्च अभियान शुरू किया।
15 फुट गहरे गड्ढे में मिले शव तलाशी अभियान के दौरान दोपहर सवा दो बजे शाहिद का शव मिला और उसके 15 मिनट बाद ही समीर का शव पानी से निकाला गया। सिविल डिफेंस की टीम ने बताया कि बच्चों के शव पानी के अंदर 15 फुट गहरे गड्ढे में मिले।
सांगानेर थाने के कांस्टेबल रामवतार ने बताया कि दोपहर 12 बजे बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि गूलर बांध में बच्चे डूब रहे हैं। उस समय मैं ड्राइवर राजेश और चेतक इंचार्ज हैड कांस्टेबल श्यामलाल गोशाला के पास थे। सूचना मिलते ही तुरंत वहां पहुंच गए। वहां देखा बांध पर काफी भीड़ थी। कुछ लोग पहले से बच्चों को तलाश रहे थे।
कांस्टेबल रामअवतार ने बताया कि मौके पर एक मिनट भी देरी नहीं करते हुए उसने पानी में छलांग लगा दी। हैडकांस्टेबल श्यामलाल भीड़ को पानी से दूर करने में लग गए। लोगों से बांस मंगवाए। बार-बार मैं पानी के अंदर जाकर देखता लेकिन गंदा पानी और कचरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। इसी बीच सिविल डिफेंस की टीम पहुंच गई। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद बच्चों के शव बाहर निकाले जा सके।