बेला भाटिया ने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें कनाडा स्थित टोरेंटो विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता से मिली थी। यह शोधकर्ता पूरे विश्व में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर सजग रहने वाली संस्था के साथ जुडकऱ कार्य कर रहे हैं। उन्हें वाट्सएप ने यह बताया था कि विश्व भर के कुछ राष्ट्र जिसमें भारत भी शामिल है।उन्होंने बताया डेढ़ हजार से अधिक लोगों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक साफ्टवेयर के जरिए निगरानी रखी जा रही है।
बेला भाटिया ने कहा कि वे बस्तर में लंबे अरसे से संवैधानिक तरीके से कार्य कर रही हैं। यह उनकी निजता का उल्लंघन है। ज्ञात हो कि दो दर्जन से अधिक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने पुष्टि की है कि उन्हें मैसेजिंग व्हाट्सएप पर एक स्पाइवेयर द्वारा लक्षित किया गया था। उनमें से कुछ ने सुझाव दिया कि भारतीय सरकारी एजेंसियां निगरानी में शामिल हो सकती हैं।
आपको बता दें जिन तीन वकीलों को निशाना बनाया गया था वे भीमा कोरेगांव मामले में सुरक्षा उल्लंघन से जुड़े थे। इसमें 10 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को पिछले साल प्रतिबंधित माओवादी संगठन के साथ संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।