रात में नहीं होता मरीजों का एक्स-रे
सौ बिस्तर महारानी अस्पताल में रात में एक्स-रे भी नहीं होता है। ऐसे में इमरजेंसी केस वाले मरीजों को सीधे डिमरापाल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। हॉस्पिटल में एक ही मैनुअल एक्स-रे मशीन है, जो सिर्फ ओपीडी के समय चालू रहता है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते जिला अस्पताल की स्थिति सीएचसी, पीएचसी से भी बदतर हो गई है।
सप्ताहभर पहले गिर गया था आपरेशन थिएटर का प्लास्टर
हॉस्पिटल की ड्रेनेज सिस्टम चोक होने की वजह से अस्पताल परिसर के साथ ही बिल्डिंग के छत पर भी पानी भरा रहता है। इसी वजह से सप्ताहभर पहले पीपी आपरेशन थिएटर का प्लास्टर भी गिर गया। दरअसल ओटी के छत पर काफी दिनों से पानी भरा हुआ था। छत से पानी का रिसाव होने की वजह से प्लास्टर गिर गया। इससे कई दिनों तक आपरेशन करना बंद रहा।
पीडब्ल्यूडी ने शौचालय तो बनाया लेकिन ड्रेनेज सिस्टम नहीं
अस्पताल के महिला मेडिकल वार्ड में पीडब्ल्यूडी ने पांच लाख की लागत से शौचालय निर्माण तो कर दिया, लेकिन यहां पर ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं बनाया। इस वार्ड के अलावा हॉस्पिटल के अन्य वार्डों का शौचालय भी चोक हो गया हैं। इससे मरीज व उनके परिजनों को काफी परेशानी होती हैं। हर साल मरम्मत कार्य के लिए लाखों रुपए खर्च के बावजूद यहां की ड्रेनेज सिस्टम पर कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।
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