पुलिस सूत्रों के मुताबिक
नक्सलियों की बटालियन जिस इलाके में अपना कब्जा बनाए हुए थी उस इलाके में गुरुवार को फोर्स भेजी गई है। बताया जाता है कि इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन क्रमांक 204,205,206,208,210 और सीआरपीएफ की बटालियन नंबर 229, डीआरजी, सीएएफ के लगभग 1800 से अधिक जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे। नक्सलियों के कई हथियार भी जवानों ने जब्त कर लिए है।
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बीजापुर और सुकमा जिले की सरहद के नजदीक बहने वाली तलपेरू और चिंतावागु नदी के किनारे ही नक्सली बटालियन का कैंप था। सटीक जानकारी पर
बटालियन को घेरने की योजना बनाकर 6 टुकड़ियों में जवानों को रवाना किया। इस दौरान पुजारी कांकेर , ग़लगम,तुमलेर बोटेतुंग, कमलापुर, रामपुर के जंगलों में फोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। गुरुवार को दिनभर अलग अलग स्थानों पर नक्सलियों और जवानों के मध्य मुठभेड़ जारी रही। बताया जाता है कि इसमें दर्जनभर से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की आशंका पुलिस अधिकारियों ने जताई है।
हिड़मा सुरक्षित भागने में सफल
नक्सली बटालियन कमांडर हिड़मा की टीम के खिलाफ यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन था। हालांकि हिड़मा फोर्स के हाथ नहीं लगा और वह सुरक्षित निकल भागने में कामयाब रहा। सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों की सेंट्रल रिजर्व कमांड के 6 नक्सली जवानों के हत्थे चढ़ गए है। इनसे पूछताछ किए जाने की खबर है हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। हिड़मा के इलाके में इतनी बड़ी संख्या में जवानों की मौजूदगी देख नक्सल समर्थकों में भी दहशत देखी जा रही है। कई समर्थक गांव घर छोड़कर भाग निकले हैं।आईईडी विस्फोट में दो जवान घायल,रायपुर रेफर बीजापुर में सर्चिंग अभियान पर निकली सीआरपीएफ की टकड़ी जब गुरुवार को पुतकेल के पास से गुजर रही थी। तभी इस बल के दो जवान मर्दुल बर्मन और मोहम्मद इशहाक़ आईईडी की चपेट में आ गए। आईईडी विस्फोट में इन दोनों को गंभीर चोट आई है। बेहतर उपचार के लिए दोनों को हेलिकॉप्टर से रायपुर रेफर किया गया है।