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जबलपुर

बदबूदार-फटे-पुराने गद्दों पर रात गुजारना मजबूरी

रैन बसेरों में हालात, गरीबों से मांगे जा रहे आधार कार्ड

जबलपुरJan 19, 2020 / 07:13 pm

Sanjay Umrey

रैन बसेरों में हालात, गरीबों से मांगे जा रहे आधार कार्ड

रैन बसेरों में हालात, गरीबों से मांगे जा रहे आधार कार्ड

जबलपुर। कड़ाके की ठंड में भी बेघर, गरीब, मजदूर और भिक्षाटन कर जीवन यापन करने वाले सैकड़ों लोग शहर के फुटपाथों पर खुले आसमान के नीचे रात बिताने को विवश हैं। इनके पास न बिछौना है न ही ओढऩे के लिए गर्म कपड़े। नगर निगम के रैनबसेरे भी इनके किसी काम नहीं आ रहे हैं। रैनबसेरों में उनसे आधार कार्ड मांगा जाता है। आधार कार्ड नहीं होने पर रात बिताने के लिए जगह नहीं मिलती। रात गुजारने के लिए बीस-पच्चीस रुपए भी लिए जा रहे हैं। इसलिए बेघरबार जान जोखिम में डालकर फुटपाथ को अपना डेरा बनाए हुए हैं।
कलेक्टर, निगमायुक्त का आदेश बेअसर
कलेक्टर और निगमायुक्त ने भी सभी सम्भागीय अधिकारियों को हिदायत दी है कि कोई भी व्यक्तिखुले में सोता न दिखे। अधिकारी रात में भ्रमण करें और खुले में सो रहे लोगों को रैनबसेरा पहुंचाएं। इन आदेश-निर्देशों के बाद भी नगर निगम के अधिकारी गरीबों को रैनबसेरा पहुंचाना तो दूर रात में निकलने की जहमत तक नहीं उठा रहे। जबकि शहर के हर फुटपाथ, मेट्रो बस स्टॉप में गरीब, लाचार ठंड में ठिठुर रहे हैं। इसके बावजूद किसी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मैले-फटे गद्दे 25 रुपए चार्ज
पुराना बस स्टैंड सहित अन्य रैन बसेरों की ‘पत्रिका’ ने टोह ली तो पता चला कि यहां फटे और मैले गद्दे सोने को दिए जा रहे हैं। रात में रुकने वालों से 25 रुपए भी लिए जा
रहे हैं। बरामदे में नि:शुल्क सोने की सुविधा के नाम पर खाली पलंग रखे हैं।
यहां हैं रैनबसेरा
मेडिकल कॉलेज, पुराना बस स्टैंड, आम्बेडकर चौक, दमोहनाका, गोकुलदास धर्मशाला- 2, ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, आईएसबीटी, एल्गिन अस्पताल, रांझी, अधारताल, पिसनहारी की मढिय़ा।
50 लाख से कराया था पुनरोद्धार
2012 में नगर निगम ने गरीब, निराश्रय लोगों को शरण देने के लिए शहर में 50 लाख की लागत से 13 रैनबसरों का पुनरुद्धार कराया था। तत्कालीन निगमायुक्त की सख्ती के चलते ठंड के दौरान नगर निगम का वाहन रात में शहर का भ्रमण कर निराश्रय, खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों को रैनबसेरों में पहुंचाता था। उनके रहने की व्यवस्था की जाती थी, जो नि:शुल्क थी। वर्तमान में यह व्यवस्था बेपटरी हो गई है।
यहां फुटपाथ पर सोते हैं लोग
– मालगोदाम चौराहे पर पार्क में, पेड़ के नीचे और फुटपाथ पर
– मालगोदाम, कलेक्ट्रेट, तीन पत्ती सहित अन्य मेट्रो बस स्टॉप में
– एल्गिन अस्पताल, आम्बेडकर चौराहा, शास्त्री ब्रिज के फुटपाथ पर
– रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, आईएसबीटी, पार्कों के आस-पास
– मेडिकल, एल्गिन, विक्टोरिया अस्पतालों के समीप
दिए हैं निर्देश
सभी सम्भागीय अधिकारियों को इस सम्बंध में निर्देश देकर लगातार निगरानी और गरीबों की मदद करने के लिए कहा है। जो भी लापरवाही करता पाया जाएगा, सख्त कार्रवाई होगी।
आशीष कुमार, आयुक्त, ननि

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