इसलिए किया निर्णय
सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों को कार्यालयीन समय में बाहर निकलना मुश्किल होता है। ऐसे में जरुरत को जानने के बाद भी उनके लिए अस्पताल पहुंचकर रक्तदान करना संभव नहीं हो पाता है। अवकाश के दिनों में आमतौर पर अस्पताल में भी आपातकालीन सेवाओं के लिए अन्य चिकित्सकीय कार्य तकरीबन बंद रहता है। ऐसे में जरुरतमंदों तक रक्त की उपलब्धता आसान बनाने के लिए सरकार ने रक्तदान पर अवकाश का निर्णय किया है। इस निर्णय के बाद सुरक्षा संस्थान के कर्मचारी रक्तदान के बाद घर पर पूरा दिन आराम कर सकेंगे।
एक ही दिन का अवकाश
सूत्रों के अनुसार अवकाश का लाभ कर्मचारियों को तभी मिलेगा जब वे किसी मान्यता प्राप्त और लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक में रक्तदान करेंगे। इस पर कर्मचारियों को केवल एक दिन का ही शासकीय अवकाश मिलेगा। ये अवकाश भी केवल उसी दिन के लिए मान्य होगा जिस तिथि पर कर्मचारी ने रक्तदान किया है। रक्तदान के बाद कर्मचारी को इस बाबत ब्लड बैंक से सर्टिफिकेट हासिल कर उसे संबंधित संस्थान में भी अवकाश स्वीकृति के लिए प्रस्तुत करना होगा।
एक साल में 4 बार
पैथालॉजिस्ट डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार एक स्वस्थ्य व्यक्ति एक बार रक्क्तदान करने के बाद अगले 90 दिन तक दोबारा रक्तदान नहीं कर सकता। 90 दिन के बाद ही उसे दोबारा रक्तदान करना चाहिए। इस लिहाज से देखा तो जाएं तो कर्मचारी एक साल में अधिकतम 4 रक्तदान अवकाश ही अर्जित कर सकेंगे। लेकिन यह रियायत खास तरह के ब्लड डोनेशन यानी एफेरेसिस डोनेशन के लिए मान्य नहीं होगी।