मेडिकल कॉलेज में… 150 मरीज कैंसर ओपीडी में प्रतिदन जांच के लिए आ रहे हैं। 10-12 मरीज इसमें जांच के दौरान कैंसर से पीड़ित मिल रहे हैं। 1-2 मरीज को छोड़कर बाकी में कैंसर की प्रमुख वजह तंबाकू की लत है।
शौक और लापरवाही सेहत पर भारी डॉक्टरों के अनुसार ज्यादातर लोग शौक में गुटखा और पान मसाला खाना शुरू कर देते हैं। दोस्तों की संगत में कम उम्र में तंबाकू किसी ना किसी रुप में लेने लगते हैं। लापरवाही के कारण भी बच्चे और युवाओं को तंबाकू की लत लग रही है। मजदूर वर्ग स्टेमना बनाने के नाम पर तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। कामकाजी महिलाएं छोटा बच्चा परेशान ना करें, इसके लिए उन्हें थोड़ा सा तंबाकू खिला देती हैं। इससे वह तंबाकू के नशे में सोता रहता है। लेकिन धीरे-धीरे बच्चे को तंबाकू की लत लग जाती है। इसके अलावा सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, गुड़ाखू, नस मंजन की लत भी कैंसर की वजह बन रही है। तंबाकू के धुएं दिल और फेफड़ा भी कमजोर हो रहा है।
तम्बाकू के कारण… 31 प्रतिशत मुख कैंसर 15 प्रतिशत बच्चेदानी कैंसर 8 प्रतिशत फेफड़ों का कैंसर 12 प्रतिशत स्तन कैंसर 5.9 श्वास नली का कैंसर (नोट: आंकड़े मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2015-19 के दौरान कैंसर पीड़ितों पर किए गए एक शोध की रिपोर्ट के अनुसार।)
नामसझी में बच्चे तंबाकू का सेवन कर रहे हैं नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कैंसर विशेषज्ञ डॉ. श्यामजी रावत के अनुसार कैंसर के मरीजों में युवाओं की संख्या बढ़ रही है। इसकी बड़ी वजह तंबाकू का लगातार सेवन करना है। नामसझी में बच्चे 7-8 साल की उम्र से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। विज्ञापन या दोस्तों से प्रभावित होकर पान मसाल, गुटखा खाने लगते हैं। एक सर्वे में पता चला है हर साल 55 हजार बच्चे तंबाकू की लत में पड़ रहे हैं। ये स्थित चिंताजनक है। मेडिकल कॉलेज में जांच में 90 प्रतिशत मरीजों में तंबाकू कैंसर होने की प्रमुख वजह पाई जा रही है। 16-17 वर्ष की उम्र के मरीज मुंह पूरा ना खुलने, मिर्च एवं गर्म-ठंडा खाना ना खा पाने की शिकायत लेकर आ रहे हैं। ये मुख कैंसर के संदिग्ध लक्षण है। स्तन कैंसर, ब्लड कैंसर, पेशाब नली का कैंसर भी तंबाकू सेवन से हो रहा है।
तम्बाकू के सेवन से बचें स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन में डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र भार्गव के अनुसार तम्बाकू में चार हजार से ज्यादा कैमिकल होते हैं। इसके सेवन से कैंसर हो सकता है। तंबाकू का उपयोग धूम्रपान में भी होता है। इसके कारण स्माकेर्स को श्वास एवं फेफड़े संबंधी गंभीर बीमारी का खतरा होता है। कोरोना काल में मरीजों की जांच में भी यह पाया गया कि धूम्रपान करने वाले मरीजों को रिकवरी में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगा। तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक है। लोगों को तंबाकू युक्त उत्पाद के सेवन से बचना चाहिए।