करीबन 4.5 मिनट की इस फिल्म में इटारसी और महाराष्ट्र समेत रंगमंच के 6 कलाकारों का अभिनय है। पहली बार किसी फिल्म फेस्टिवल में चयन होने पर इटारसी के नागरिकों में हर्ष व्याप्त है। इस फिल्म को पिछले साल स्वच्छता अभियान में नगर पाालिका की प्रतियोगिता में पहला इनाम मिला था। अनमोल की इस उपलब्धि पर विधायक डा सीतासरन शर्मा, नपाध्यक्ष पंकज चौरे, राजकुमार देवी, इटारसी रंगमंच के कलाकारों बीके पटेल, नीरज सिंह चौहान, डॉ दिनेश प्रजापति, कर्मवीर सिंह राजपूत, प्रियंक नागर आदि ने बधाई दी है।
ये है कहानी और कलाकार
अनमोल ने बताया कि इस फिल्म में इटारसी से आनंद पांडे, अविका तिवारी, अभिषेक सोनी तथा महाराष्ट्र के दो कलाकार कपिल बहादुर, चाय दुकान संचालक प्रमोद मेहतो और प्रणव रोड़े का अभिनय है। फिल्म की शुरुआत चाय की टपरी से होती है, जहां 2 दोस्त चाय पीने आते हैंं, जिसमें से एक इंदौर से लौटा है। वहां के नागरिकों में स्वच्छता के प्रति ललक को देख कर काफी प्रभावित था। तभी उसका दोस्त चाय पीने के बाद कप ये कहकर कि मुझ एक के स्वच्छता का ध्यान रखने से कोई बड़ा पहाड़ नही टूट जाना है, रोड पर फेंक देता है। एक छोटी सी बच्ची ये सब देख रही थी। वह भी चाय पीने के बाद अपना कप वहीं फेंक देती है, जिससे चाय के छींटे दोस्त के कपड़ों पर गिर जाता है। वह इस पर गुस्सा होकर उस बच्ची को डॉटता है। तभी उस चाचा के पूछने पर बच्ची बताती है कि भैया ने भी अपनी चाय का कप यहीं फेंका था। इसलिए उसने भी वहीं फेंक दिया। तब उस दोस्त को अपनी गलती का एहसास होता है। वह कहता है कि आज हम जो करेगें, कल को हमारे बच्चे और आने वाली पीढ़ी भी हमसे यही सीखेगी। यदि हम भी अपने भारत को स्वच्छ देखना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत हम सबसे अपने आप से और अपने घर से ही करनी पड़ेगी। अपने आसपास स्वच्छता देखने हम खुद को जागरूक होना पड़ेगा और इसे अपनी जिम्मेदारी समझ कर काम करना पड़ेगा, तभी हमारा भारत एक दिन अपने स्वच्छ भारत अभियान के संकल्प को पूरा कर पाएगा। अनमोल ने बताया कि इससे संदेश मिलता है कि स्वच्छता को लेकर हम जो अनुसरण करेंगे, वही हमारी आने वाली पीढ़ी भी अनुसरण करेगी।
वर्जन
पुरानी इटारसी निवासी उभरती रंगमंच कलाकार और छात्रा अनमोल राठौर की निर्देशित शार्ट मू्वी का अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में चयन हुआ है। इसका प्रदर्शन होना शहरवासियों के लिए गौरव की बात है। अनमोल, रंगमंच के मंचित समर यात्रा नाटक में भी 80 वर्षीय नौहरी काकी के रूप में भूमिका निभा चुकी है।
– राजकुमार दुबे, अध्यक्ष, अखिल भारतीय साहित्य और संयोजक, रंगमंच परिषद् इटारसी।