अखबार नहीं पढ़ने वाली महिला कारोबारी को 3 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, शॉकिंग है वसूली की कहानी
Digital Arrest: साइबर ठगी को लेकर पत्रिका लगातार खबरें दे रहा हैं, इंदौर में सामने आए इस नये मामले ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि लगातार खबरों के बाद भी लोग अवेयर नहीं हो रहे… पत्रिका.कॉम पर पढ़े डिजिटल अरेस्ट की एक और शॉकिंग कहानी..और रहें ALERT…
Digital Arrest Case Indore: साइबर ठगों ने सीबीआइ और ईडी के अफसर बनकर 50 साल की महिला शेयर कारोबारी को तीन दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। फिर 1.60 करोड़ लूट लिए। ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की बात कह इतना डराया कि महिला ने बैंक जाकर 1 करोड़ की एफडी तुड़वा ली। ठगों के खातों में 1.60 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए।
ठगों ने गोल्ड लोन लेकर पैसे देने की बात कही तो महिला को ठगी को अहसास हुआ। तब स्टेट साइबर सेल में शिकायत की। पुलिस ने बताया, महिला अखबार नहीं पढ़ती, उन्हें डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ भी न होने की जानकारी नहीं थी। जिन खातों में रुपए ट्रांसफर हुए, उन्हें फ्रीज कराने का आवेदन दिया। राशि कई खातों में ट्रांसफर हुई है। महिला ने बताया, जेठ पूर्व सीएम के करीबी हैं। उनका शेयर कारोबार मल्टीनेशनल है। जिस बैंक में एफडी थी, वहीं से डेटा लीक होने की आशंका है।
वसूली की पूरी कहानी…
कॉल पर डर: 9 नवंबर को महिला कारोबारी को वाट्सऐप कॉल आया। कॉलर ने सीबीआइ, ईडी अफसर बता कहा-मनी लॉड्रिंग में नरेश गोयल को पकड़ा है। आपका नाम भी है।
रुपए की मांग: ठगों ने महिला से कहा-आपके बैंक खाते की जांच होगी। 1 करोड़ की एफडी तोड़ जमा करो। जांच के बाद रुपए लौटा देंगे। ऐंठे 1.60 करोड़: महिला को 11 नवंबर तक डिजिटल अरेस्ट रखा। महिला ने 1 करोड़ की एफडी तुड़वाई। बैंक मैनेजर ने बुलाया तो नहीं मिली। ठगों को 1.60 करोड़ भेज दिए। ठगों ने गोल्ड लोन लेने को कहा, तब ठगी का अहसास हुआ। स्टेट साइबर सेल में शिकायत की।
डिजिटल अरेस्ट जैसी चीज नहीं होती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है। डिजिटल अरेस्ट से बचने के कई किस्से पत्रिका ने प्रकाशित किए हैं। लेकिन महिला कारोबारी का कहना है, वे अखबार नहीं पढ़तीं। वे पत्रिका पढ़ रही होतीं तो लुटने से बच जातीं। इसलिए अखबार पढ़ें।