दरअसल जिस तरह से जांच हुई और रिपोर्ट तैयार हुई, उसमें शर्मा का पक्ष काफी कमजोर था। यानी परिषद में उनकी हरकत को संगठन ने जायज नहीं माना। रिपोर्ट भी उनके खिलाफ ही जा रही थी। इसके चलते पांच नंबर विधानसभा के सारे भाजपाई नाराज थे। बताया जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए ताई ने दोनों पक्षों से बात कर मामले का पटाक्षेप करवाया।