इसलिए डाली डीजल लाइन कोचिंग डिपो में यशवंतपुर और कोचूवेली ट्रेन का भी मेंटेनेंस किया जाता है। इस दोनों ट्रेन का रैक एलएसबी तकनीक है। इसलिए इनमें जनरेटर कार होती है। इस जनरेटर कार में मेंटनेंस के दौरान डीजल भरा जाता है, क्योंकि रैक की लाइटिंग इसी जनरेटर कार से चलती है, जबकि अन्य ट्रेनों में लाइटिंग के लिए बैटरी का उपयोग किया जाता है।
…तो सीधे होगा ब्लास्ट जानकारी के अनुसार पिट लाइन पर दिनभर मैकेनिकल स्टाफ और हाउस कीपिंग के कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहता है। इसके साथ अधिकारियों भी मौजूद रहते हैं। ऐसे में अगर किसी दिन शॉर्ट सर्किट या अन्य कारण से लाइन आग पकड़ लेती है, तो सीधे बड़ा ब्लास्ट होगा। जिससे धन और जन दोनों की हानि होगी।
सामने आ चुकी लापरवाही करीब साल भर पहले इस पाइप लाइन में एक जोड़ पर लीकेज हो गया था। यहां से दिनभर डीजल बहता रहा, लेकिन किसी कर्मचारी और अधिकारी की नजर नहीं पड़ी।