प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस काबिज हो गई। सरकार में रहकर फायदा उठाने के लिए कई नेता सक्रिय हो गए। इनमें वह वकील भी शामिल हैं जो कि कांग्रेस की राजनीति करते आ रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस सरकार ने हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाअधिवक्ता, सहायक अतिरिक्त महाअधिवक्ता और २९ सरकारी वकील नियुक्त किए हैं। कुछ वकीलों की नियुक्ति सरकारी विभागों में भी हुई है। इनमें से कई वकील राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से जुड़े हैं। इनको लेकर कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह के सामने विरोध दर्ज करवाया है।
दो दिन के लिए इंदौर प्रवास पर आए दिग्विजय सिंह के वापस रवाना होने के दौरान एयरपोर्ट पर वकीलों की नियुक्ति को लेकर शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, सुनील गोधा, अनिल शुक्ला, सुवेग राठी और नंदकिशोर शर्मा ने विरोध दर्ज करवाया। इनका कहना था कि हाईकोर्ट में संघ और भाजपा से जुड़े वकीलों की नियुक्ति कर दी गई है जो कि गलत है। इस पर दिग्विजय सिंह बोले मुझे यह बात मालूम है। इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि नियुक्ति करने में कहीं न कहीं चूक हुई है। लोकसभा चुनाव के बाद नियुक्ति में हुई गलती को सुधार कर हाईकोर्ट में संघ-भाजपा से जुड़े वकीलों को हटाने की बात कही है। दिग्विजय सिंह के सामने वकीलों की नियुक्ति के साथ नोटरी का मामला भी उठाया गया। कांग्रेसियों के अनुसार हाईकोर्ट में कांग्रेस मानसिकता के वकीलों की नियुक्ति करने को लेकर उन्होंने सहमति जताते हुए कार्यकारी अध्यक्ष बाकलीवाल से लिस्ट मांगी।