हुब्बल्ली-धारवाड़ के निवासी बिना किसी जानकारी के साइबर जालसाजों के हाथों अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। पिछले एक साल में स्थानीय निवासियों ने 181 साइबर धोखाधड़ी मामलों में 33.16 करोड़ रुपए गंवाए हैं। साइबर अपराधों के अधिकांश पीडि़त शिक्षित, सेवानिवृत्त कर्मचारी और पेशेवर हैं, जो ऑनलाइन लेनदेन से अधिक परिचित हैं। पिछले साल दर्ज किए गए मामलों से पता चला है कि हुब्बल्ली-धारवाड़ में ओटीपी आधारित वित्तीय धोखाधड़ी किस तरह से बड़े पैमाने पर हुई। लेकिन इस साल लोगों ने निवेश धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी के कारण पैसे गंवाए। निवेश धोखाधड़ी में निजी कर्मचारी और स्व-कर्मचारी मुख्य लक्ष्य थे, जबकि डॉक्टर और इंजीनियर सहित पेशेवर डिजिटल गिरफ़्तारी के मामलों में शिकार बन गए।
हुब्बल्ली-धारवाड़ साइबर इकोनॉमिक एंड नारकोटिक्स के एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने 181 मामले दर्ज किए और लोगों ने इस साल साइबर अपराध में 33.16 करोड़ रुपए गंवाए। जिसमें 93 मामले निवेश धोखाधड़ी से संबंधित हैं। कई जागरूकता अभियानों के बावजूद, निवेश धोखाधड़ी दोनों शहरों में एक बड़ी चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने धोखाधड़ी के तुरंत बाद शिकायत दर्ज कराई है। इसलिए हम 12.81 करोड़ रुपए फ्रीज करने में कामयाब रहे हैं। पीडि़तों को उनके पैसे वापस मिलने की सूचना दे दी गई है।