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पर्यटन पत्रिका कोन्डे नास्ट की ओर से पर्यटन क्षेत्र में रीडर्स च्वाइस सर्वे और लोकप्रियता के आधार ये रैंकिंग दी है। इसमें 96.85 अंक के साथ शाही ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स दूसरे स्थान पर है।
राजसी सुविधाओं से भरपूर “पैलेस ऑन व्हील्स” की शुरूआत 26 जनवरी 1982 से हुई और तब से आज तक ये अपने यात्रियों को आलीशान हवेलीयों, शानदार कीलों और रेत के टीलों की सवारी करवा चुकी है। जब ये ट्रेन शुरू हुई थी तब इसमें वो रेल डिब्बे लगे थे जिसका इस्तेमाल केवल राजा-महाराजा किया करते थे। लेकिन समय के साथ इनमें बदलाव होता गया और ये पहले से और बेहतर बनते गए।
पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन को पारंपरिक परिवेश में ही सजाया संवारा जाता है। ट्रेन के डिब्बों को तीन बेड केबिन, डबल बेड केबिन, सिंगल बेड केबिन में बांटा गया है। इस ट्रेन में एक शाही बार भी बनाया गया है। इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए 7.46 लाख, 4.26 लाख और 3.20 लाख रुपए चुकाने पड़ते है। ये किराया ट्रेन की सुविधा के हिसाब से तय किए जाते हैं।
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बता दें इस को चलाने का मुख्य उद्देश्य राजस्थान में पर्यटन और पर्यटकों को बढ़ाना देना था। यह राजसी ट्रेन राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली की भी सैर करवाती है। ट्रेन की शुरूआत दिल्ली से होती है। इस ट्रेन में 7 रात और 8 दिनों का सफर तय किया जाता है। जिसमें ये ट्रेन राजस्थान के जयपुर, सवाई माधोपुर, चितौड़ गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर समेत आगरा की भी सैर करवाती है।