पंचायत के सचिव सुमेर सिंह बताते हैं कि ग्राम पंचायत में बिछाई गई पाइपलाइन ५० साल पुरानी हो चुकी है। जलकर से जितनी राशि मिलती है, उसका ज्यादातर हिस्सा तो जलप्रदाय करने वाले चार कर्मचारियों के वेतन और पाइपलाइन की मरम्मत में खर्च हो जाती है।
इधर इस मामले में ग्राम पंचायत रानीपुर के पंच भूपेश साहू ने कहा कि तवानगर की 90 प्रतिशत जनता हर महीने 60 रुपए जलकर का जमा करती है। छह महीने से बिजली का बिल पंचायत द्वारा क्यों जमा नहीं किया गया। आखिर राशि खर्च कहां होती है। इन सभी खर्चों का उच्च स्तरीय समिति से ऑडिट करने की मांग जिला कलेक्टर से की जाएगी।
नल के ६०० कनेक्शन हैं, लेकिन जलकर बमुश्किल ३०० लोगों से ही मिल पाता है। बिजली बिल का करीब तेरह लाख रुपए बकाया होने से कनेक्शन काट दिया गया है। इसी वजह से पेयजल सप्लाई ठप है। हमने जनपद सीइओ को इस संबंध में जानकारी दे दी है।
-सुमेर सिंह, सचिव ग्राम पंचायत रानीपुर तवानगर
-वंदना कैथल, सीइओ जनपद पंचायत केसला