आपूर्ति करने का आदेश मिला
वरुणास्त्र 40 किमी की दूरी तक 400 मीटर पानी में गहराई में जाकर 74 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन को ढेर कर सकता है। आयुध निर्माणी के पूर्व जीएम एचआर दीक्षित ने बताया कि नौसेना के लिए निर्माणी में इन्सेंसिटिव म्यूनिशंस की तकनीक को विकसित किया है। इसी वजह से बीडीएल विशाखापट्टनम से वरुणास्त्र मिसाइल की आपूर्ति करने का आदेश मिला है। यह निर्माणी के लिए गौरव की बात है।
इसलिए खास है ‘वरुणास्त्र’
वरुणास्त्र एक भारतीय उन्नत दिग्गज पनडुब्बीरोधी मिसाइल है। लक्ष्य से टकराने या नजदीक आने पर इसमें विस्फोट होता है। मिसाइल का वजन 1500 किग्रा, लंबाई 7 से 8 मीटर और व्यास 533 मिमी है। इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला ने किया है।
अभी ये बनता है इटारसी निर्माणी में
बाल पाउडर, मिसाइलों के लिए प्रोपोलेट आकाश बूस्टर, नाग बूस्टर, त्रिशूल बूस्टर, पिनाका, आरजेट-61, पिचोरा, हिल्ना बूस्टर।
गोला-बारूद में नोदकों की आपूर्ति के लिए हुई थी स्थापना
1969-70 में तत्कालीन रासायनिक उत्पादों वाली निर्माणियों में उच्च क्षमता के गोला-बारूद के लिए नोदकों की पूर्ति के लिए आयुध निर्माणी इटारसी की स्थापना हुई। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के इंटिग्रेटेड गाइडेड मिसाइल प्रोग्राम के तहत निर्माणी में नोदकों का उत्पादन किया जाता है।
इनका कहना है
सेना के लिए वरुणास्त्र मिसाइल की आपूर्ति करने का आदेश मिला है। यह निर्माणी के लिए गौरव की बात है।
शेखर पांडे, पीआरओ आयुध निर्माणी इटारसी