Number 13: अंक 13 शुभ या अशुभ, जानिए किन ग्रहों की ताकत है इस नंबर में
जैसे शनि देव का नाम आते ही अक्सर लोग किसी डर से ग्रस्त हो जाते हैं, उसी तरह अंक 13 की बात आते ही लोग आशंकाग्रस्त हो जाते हैं। कई लोग इसे शुभ नहीं मानते, लेकिन दुनिया में कई ऐसे संप्रदाय भी हैं जो इस अंक को बेहद शुभ मानते हैं। इसमें हिंदू धर्म के लोग भी है। इसके अलावा ज्योतिष और अंक शास्त्र में भी इस अंक का विशेष महत्व होता है। आइये जानते हैं अंक 13 शुभ या अशुभ और किन ग्रहों की ताकत है इस नंबर में और 13 नंबर का रहस्य क्या है..
कई ज्योतिषियों का कहना है कि यह अंक अशुभ नहीं है, प्राचीन काल में इसे शक्ति पूर्ण और घातक माना जाता था। इसके अलावा इस अंक का कई बार तांत्रिक क्रियाओं में इस्तेमाल होता है। इसकी वजह से अनजाने में लोग इसे डरावना और रहस्यमयी मानने लगे हैं। आम लोग शुक्रवार और 13 के संयोग को अधिक अशुभ मानते हैं। इसकी वजह कुछ घटनाएं मानी जा सकती हैं।
कई लोग इसे दुर्भाग्य का अंक मानते हैं, लेकिन ज्योतिष में इसे आकस्मिकता से जुड़ा अंक मानते हैं। ज्योतिषियों का कहना है, इस अंक में राहु और हर्षल की शक्ति पाई जाती है। इसके अलावा अंक 13 पर सूर्य और बृहस्पति का भी प्रभाव होता है। इस अंक पर ईश्वर की कृपा है और यह रहस्यमयी शक्तियों का धारक है। अंक 13 से जुड़े लोग जादू, तंत्र और अध्यात्म में खूब सफल होते हैं। मध्य आयु की ऊंचाइयों तक अंक 13 वाले लोग ऊंचाइयों पर पहुंच जाते हैं।
ज्योतिष के अनुसार अंक 13 का मान 4 है, जो राहु का अंक है। वैदिक ज्योतिष में यह परिवर्तन का कारक माना जाता है। वहीं कई ज्योतिषियों का कहना है कि यह अंक दो शक्तिशाली ग्रहों सूर्य (1) और बृहस्पति (3) के योग से बनता है। इन्हीं के योग से 13 बनता है, जिससे इसमें बहुत सी शक्तियां इन ग्रहों की शामिल होती हैं।
शक्तिशाली अंक 13
अंक ज्योतिष में 4 प्रभावशाली अंक माना जाता है और 13 अंक के योग से भी 4 प्राप्त होता है, यह कर्म का भी प्रतीक है। कर्म के हिसाब से ही फल मिलता है। अंक ज्योतिष में इसे मास्टर ऑफ नंबर्स भी कहा जाता है, जो बदलाव का भी कारक है। इसी कारण से सही और अनुकूल होने पर यह चमत्कारी बन जाता है, जबकि खराब प्रतिकूल होने पर विनाशक बन जाता है। इसलिए 13 को अशुभ मानना ठीक नहीं है।
हिंदू धर्म में किसी पक्ष का 13वां दिन शुभ माना जाता है। यह तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इसीलिए 13वें दिन यानी त्रयोदशी पर ही प्रदोष व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की कल्याणकारी पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत के दिन को सभी कार्यों के लिए शुभ मानकर इस दिन मुहूर्त भी निकाले जाते हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि इस दिन कोई भी काम शुरू कर सकते हैं, नया काम स्टार्ट कर सकते हैं। इस दिन से डरना नहीं चाहिए।