कुंभकरण की लंबी नींद की वजह (Reason for long sleep of Kumbhkaran)
कुंभकरण राक्षसराज रावण का छोटा भाई था। वह असुरों में सबसे बुद्धिमान और बलशाली माना जाता था। मान्यता है कि कुंभकरण ने रावण के साथ तप किया। जिससे ब्रह्मा जी खुश हुए और उससे वरदान मांगने के कहा। धार्मिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कुंभकरण बहुत चतुर था कि वह अमरता का वरदान मांगना चाहता था। लेकिन जब वह वरदान मांगने के लिए इंद्रासन कहने वाला था। तब सरस्वती जी ने उसकी उसकी मति फेर दी और उसके मुह से निद्रासन निकल गया। माना है कि उसी दिन से कुंभकरण को अमरता के बजाय गहरी नींद का वरदान मिली थी।
राम से युद्ध के लिए कुंभकरण को जगाया गया (Kumbhakaran was awakened to fight Ram)
ब्रह्मा जी से कुंभकरण इस वरदान को पाकर हर 6 महीने सोने चला जाता और केवल एक दिन के लिए जागता है। इस दौरान वह बहुत अधिक भोजन करता था। रामायण में रावण ने भगवान श्रीराम से युद्ध के लिए कुंभकरण को जगाया था। जिसके बाद कुंभकरण ने रावण से श्रीराम से युद्ध की वजह पूछी तो पता चला कि उसका भाई रावण भगवान राम की अर्धांगिनी का हरण कर लाया है।
कुंभकर्ण को हुई थी स्वर्ग की प्राप्ति (Kumbhakarna attained heaven)
कुंभकरण ने रावण से माता सीता को वापस करने के लिए विनय की। लेकिन रावण ने उसकी एक नहीं मानी। इसके बाद कुंभकरण रण में युद्ध करने के लिए गया। जिसके बाद कुंभकरण भगवान श्रीराम के हाथों से मारा गया। भगवान राम के हाथों उसका वध होने की वजह से वह सीधा स्वर्ग में पहुंचा।