कब्ज, एलर्जी, खांसी, जुकाम, डायरिया, पेचिश, पेट दर्द आदि में गुड़मार का प्रयोग बहुत कारगर माना जाता है। खास बात है कि गुड़मार के पत्ते ही नहीं, बल्कि इसकी जड़ों में भी औषधिय गुण समाहित है। इसकी जड़ों का प्रयोग वात रोग, पुराने बुखार में काफी लाभदायक होता है।
जानिए, कौन से तत्व गुड़मार को बनाते हैं दवा
जिमनेमिक एसिड एबीसी की वजह से ही ये पौधा ब्लड शुगर से लेकर लिवर की बीमारी में टॉनिक की तरह काम करता है। गुड़मार एक बेलनुमा पौधा है। इसके पत्ते चबाने से मुंह का स्वाद थोड़ी देर के लिए खत्म हो जाता है, इसलिए ही इसका नाम गुड़मार है।
गुड़मार को इस्तेमाल करने का तरीका
गुड़मार की पत्तियों का सेवन किसी भी रूप में किया जा सकता है। आप चाहें तो इसे चबा ले, इसका रस पी लें या इसकी पत्तियों को सूखा कर पाउडर बना लें और गुनगुने पानी के साथ इसका दो चम्मच पाउडर खा लें। सुबह के समय इसे खाने से शुगर लेवल तेजी से कम होता है। वहीं, खाने के बाद दोपहर या रात में भी इसे खाना शुगर को बढ़ने से रोकता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।