आम को खाने से पहले कम से कम 30 मिनट के लिए पानी में भिगोकर नहीं रखा गया तो स्किन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। फोड़े-फुंसी आम की गर्मी के कारण ही होते हैं। कई लोगों को आम खाने से पिंपल्स, एक्ने या फिर अन्य स्किन प्रॉब्लम्स शुरू हो जाती हैं या किसी किसी को कब्ज, सिरदर्द या फिर पेट से जुड़ी दूसरी समस्याएं होती हैं। इसके पीछे कारण आम की गर्मी न निकल पाना ही होता है।
आम के पेड़-पौधों में हानिकारक कीटनाशक और इंसेक्टिसाइड का यूज होता है। साथ ही कई बार आम को पकाने तक के लिए कार्बाइड यूज होता है। ये केमिकल अगर पेट में चले जाएं तो फूड प्वाइजनिंग, स्किन एलर्जी, स्किन इरिटेशन का कारण बन सकते हैं। सिर दर्द, की समस्या भी इससे होती है। क्योंकि केमिकल्स धोने से भी आसानी से नहीं हटते और इनसे आम में बेहद गर्मी भर जाती है। अगर आम भिगा दिए जाएं तो ये सारी ही समस्याएं दूर हो सकती है।
आम फैट बर्न करने की जगह जमा होना शुरू हो जाता है, क्योंकि आम में मौजूद फाइटो केमिकल्स (phytochemicals) स्ट्रॉन्ग होते हैं, ऐसे में जब ये पानी को नहीं सोख पाते तो इनका कॉन्सन्ट्रेशन बढ़ जाता है। और वे नेचुरल फैट बर्न करने की जगह डिपॉजिट होने लगते हैं।
आम खाने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिसकी वजह से थर्मोजेनिक का प्रोडक्शन होता है. हालांकि, आम को थोड़ी देर पानी में भिगोने से इसे कम करने में मदद मिलेगी। थर्मोजेनिक प्रोडक्शन का बढ़ना एक्ने, कब्ज, सिर दर्द जैसी परेशानियों का कारण बन सकता है।
फाइटिक एसिड एक तरह का न्यूट्रिशन है, जो एक एंटी न्यूट्रीएंट होता है। ये शरीर को आयरन, जिंक, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स को अब्जॉर्ब करने से रोकता है। इस एसिड की वजह से बॉडी में मिनरल्स की कमी होने लगती है। साथ ही ये बॉडी में हीट जेनरेट करता है। इसलिए अगर इसे पानी में आधे घंटे के लिए रख दिया जाए तो ये फाइटिक एसिड का असर निकल जाता है।