सॉलिड, सेमी-सॉलिड, लिक्विड डाइट युक्त हो भोजन की थाली
ज्यादातर खानपान विशेषज्ञ अक्सर यह कहते हैं कि भोजन की थाली में कार्बोहाइडे्रट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल आदि युक्त चीजें संयुक्त रूप से शामिल होनी चाहिए। इस तरह से भोजन के बाद शरीर के अंदरुनी अंगों को पर्याप्त मात्रा में पोषण और ऊर्जा मिलती है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि भोजन की थाली में खाने के प्रकार के तहत सॉलिड, सेमी सॉलिड और लिक्विड डाइट का कितना हिस्सा होना चाहिए।
सॉलिड, सेमी-सॉलिड, लिक्विड डाइट युक्त हो भोजन की थाली
03-04 बजे के बीच शाम के समय लिक्विड डाइट स्नैक्स के साथ लेना फायदेमंद हो सकता है।
डाइट में मसाले भी हों
थाली में कार्बोहाइड्रेट के लिए अनाज व चावल, प्रोटीन के लिए दाल व दही, छाछ, पनीर, फाइबर के लिए सलाद व सूप, एंटीऑक्सीडेंट के लिए मसाले, विटामिन व मिनरल के लिए मौसमी सब्जियां व फल और फैट के लिए तेल व घी शामिल होने चाहिए।
इनको करें शामिल
सॉ लिड के प्रकार में चपाती, सब्जी, चावल, सलाद शामिल हैं। सेमी सॉलिड में खिचड़ी, दलिया, पोहा, सूजी की खीर या हलवा, सेवई, इडली, डोसा शामिल हैं। वहीं लिक्विड डाइट में छाछ, लस्सी, फलों का निकला ताजा जूस, आमपना, सूप, नींबू, नारियल पानी शामिल हैं।
बच्चों के लिए विकल्प
बच्चे सॉलिड चीजें कम खाते हैं। ऐसे में उन्हें हरी पत्तेदार सब्जियों को आटे में गूंथकर चपाती या परांठा बनाकर दें। सब्जियों के कटलेट या स्प्राउट्स व फलों का कलरफुल चाट बना सकते हैं।
कई हैं फायदे
इस तरह के खानपान से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ा होने के साथ ही वजन नियंत्रित रहता है और जीवनशैली संबंधी रोगों की आशंका घटती है। साथ ही जरूरी है कि दिनभर में आउटडोर एक्टिविटी जरूर करें।
एक्सपर्ट : सुरभि पारीक, डायटीशियन
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