जिस तरह से किसी प्लांट को रोपते समय उसके लिए जमीन में जगह बनाई जाती है, ठीक वैसे ही जब बच्चा यूट्रेस में इंप्लांट होता है , वह जगह बनाता है। ऐसे समय में मां के पेट में मरोड़, क्रैंप या दर्द सा अनुभव हो सकता है। ये दर्द बिलकुल वैसा होता है जैसे पीरियड्स के समय होता है। अगर आपके पीरियड मिस हैं और ऐसा दर्द हो तो ये संकेत प्रेग्नेंसी का हो सकता है। कई बार पेल्विक एरिया में सेंसेशन या प्रेशर भी फील होता है। इससे भी प्रेग्नेंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी इंप्लांट के समय थोड़े ब्लीडिंग स्पॉट्स हो सकते हैं। अमूमन ये रेड नहीं, बल्कि पिंक स्पॉटिंग होती है। ये भी प्रेग्नेंसी का साइन होता है। वोमिटिंग सा फील होना
अर्ली प्रेग्नेंसी का साइन है जी मिचलाना। सुबह-सुबह उल्टी आना और किसी भी महक के प्रति संवेदनशीलता प्रेग्नेंसी का लक्षण है। कई बार जी घबराना, मुंह का टेस्ट खराब होना भी हो सकता है।
इस दौरान कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। स्तन में हल्का दर्द या टेंडरनेस फील होना आम बात है। गहरी नींद आना या नींद सा महसूस होते रहना
अगर आपको 7-9 घंटे की नींद लेने के बाद भी नींद आ रही है, ये भी प्रेग्नेंसी का एक लक्षण होता है। आपकी बॉडी आपको रिलैक्स करती है।
थकान और कमजोरी महसूस होना, वह भी बिना किसी काम को किए। दरअसल शरीर की इस वक्त जरूरत बढ़ जाती हैं, विटामिन-मिनरलस और पौष्टिक खाने की कमी से ऐसा होता है।
प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है आप बाजार से कोई भी प्रेग्नेंसी किट लेकर आए और 3 बूंद यूरिन से प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा आप ब्लड टेस्ट से भी प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान आपके शरीर में हॉर्मोंस बढ़ते हैं वही हॉर्मोंस यूरिन में भी आते हैं और वही ब्लड में भी आते हैं।
होम प्रेग्नेंसी चेक करने का सबसे सही वक्त सुबह का होता है। रात को चूंकि महिला 7-8 घंटे से पानी नहीं पिए होती है इसलिए उस वक्त यूरिन में हॉर्मोन की अच्छी मात्रा आती है। सबसे गलत वक्त होता है रात को टेस्ट करना। रात के वक्त प्रेग्नेंसी टेस्ट करने से सही रिजल्ट नहीं आता है। ब्लड टेस्ट आप किसी भी वक्त करा सकती हैं।