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Eye Infections : पीएम10 की चपेट में आपकी आंखें? जानिए कैसे बचें इस खतरे से

Eye Infections : हाल ही में अमेरिका में हुए एक शोध में पाया गया है कि वायु प्रदूषण से उत्पन्न पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10) के संपर्क में आने से आंखों में संक्रमण (Eye Infections) का खतरा दोगुना हो सकता है।

जयपुरNov 18, 2024 / 10:24 am

Manoj Kumar

PM10 Exposure Doubles Risk of Eye Infections

PM10 Exposure Doubles Risk of Eye Infections

Eye Infections : वायु प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव लंबे समय से चर्चा में हैं, लेकिन हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन ने इसे आंखों के स्वास्थ्य ( Eye health) से जोड़कर एक नई चिंता पैदा कर दी है। अध्ययन के मुताबिक, वायु में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM10) के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आंखों के संक्रमण (Eye Infections) और जलन का खतरा दोगुना हो सकता है।

आंखों की सतह पर असर डालता है वायु प्रदूषण Air pollution affects the surface of the eyes

क्या है ओकुलर सरफेस डिजीज?

Eye Infections : ओकुलर सरफेस डिजीज आंखों की सतह को प्रभावित करने वाला एक गंभीर विकार है, जो कॉर्निया, कंजंक्टिवा और पलकों पर असर डालता है। वायु प्रदूषण के कारण इसमें जलन, खुजली और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो एंशुट्ज मेडिकल कैंपस के शोधकर्ताओं ने पाया कि वायु में मौजूद छोटे कण (एंबिएंट पार्टिकल्स) इस रोग के जोखिम को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के बीच गहरा रिश्ता

Eye Infections : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने जलवायु परिवर्तन को मानवता के सामने सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा घोषित किया है। इसके बावजूद, नेत्र स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों पर सीमित अध्ययन हुए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो स्कूल ऑफ मेडिसिन की प्रोफेसर जेनिफर पटनायक ने इस अध्ययन में बताया कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न वायु प्रदूषण न केवल आंखों बल्कि फेफड़े, हृदय और गुर्दे जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।

पीएम10 स्तर और नेत्र रोगियों की संख्या में संबंध

डेनवर मेट्रो क्षेत्र का अध्ययन

अध्ययन में डेनवर क्षेत्र में 1,44,313 नेत्र रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया गया। जब पीएम10 का स्तर 110 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंचा, तो आंखों में जलन (Eye Infections) और एलर्जी के कारण क्लिनिक विजिट्स की संख्या सामान्य से 2.2 गुना बढ़ गई।
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भारत के लिए अध्ययन क्यों है महत्वपूर्ण?

भारत में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों में पीएम10 और पीएम2.5 के स्तर अक्सर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में, यह अध्ययन भारत के लिए चेतावनी हो सकता है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना केवल फेफड़े और दिल के स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि नेत्र स्वास्थ्य (Eye Infections) के लिए भी जरूरी है।
समाधान की दिशा में प्रयास

वायु गुणवत्ता में सुधार:

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करने की जरूरत है।

जनजागरूकता:

लोगों को आंखों की सुरक्षा के लिए नियमित चेकअप और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाने चाहिए।
शोध और अध्ययन:

भारत जैसे देशों में भी वायु प्रदूषण और नेत्र स्वास्थ्य के बीच संबंध पर विस्तृत अध्ययन किए जाने चाहिए।

वायु प्रदूषण का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य के हर पहलू पर पड़ता है। आंखों की समस्याएं Eye Infections केवल शुरुआत हो सकती हैं। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है। ऐसे में, प्रदूषण को नियंत्रित करना और स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों को समझने के लिए लगातार शोध करना समय की जरूरत है।

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