एनीमिया के खिलाफ एक बड़ा कदम A big step against anaemia
देश में 15 से 49 वर्ष की आयु के 25 प्रतिशत पुरुष और 57 प्रतिशत
महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। वहीं, 15 से 19 वर्ष के 31 प्रतिशत लड़के और 59 प्रतिशत लड़कियां भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं। गर्भवती महिलाओं में यह समस्या सबसे अधिक 59.1 प्रतिशत के स्तर पर देखी जाती है। नई तकनीक के माध्यम से इन लोगों की जल्दी पहचान की जा सकेगी और उपचार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकेंगे।
जमीनी स्तर पर तकनीक का विस्तार
ICMR इस नई तकनीक को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए निजी संस्थानों के साथ समझौते कर चुका है। अब तक 25 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। इस तकनीक से न केवल रक्त और सिरिंज के खर्च में कमी आएगी, बल्कि जांच की प्रक्रिया भी त्वरित और आसान होगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद
सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव के अनुसार, यह नई तकनीक वर्तमान क्षमता से कई गुना अधिक लोगों की जांच कम समय में कर सकेगी। इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और एनीमिया की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा।