यह अध्ययन अमेरिका के ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी (LJI) के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने पाया कि जो चूहे पहले आम सर्दी जुकाम के वायरस से संक्रमित हो चुके थे, उनमें बाद में कोरोना वायरस से संक्रमण होने पर फेफड़ों को कम नुकसान पहुंचा।
अध्ययन के सह-लेखक एनी एलोंगो नगोनो का कहना है कि यह शोध इस बात को समझने में मददगार है कि कैसे कुछ खास रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं (T cells) कई तरह के वायरस से लड़ सकती हैं।
अब वैज्ञानिक ऐसे टीकों को बनाने पर काम कर रहे हैं, जो न सिर्फ कोरोना वायरस से बचाएंगे बल्कि भविष्य में फैलने वाली अन्य कोरोना जैसी बीमारियों से भी रक्षा करेंगे। कैसे काम करती हैं ये खास रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं (T cells)
आमतौर पर, रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं किसी खास वायरस या बीमारी से ही लड़ती हैं। लेकिन कुछ खास T cells ऐसी होती हैं, जो एक ही परिवार के कई वायरस से लड़ सकती हैं। कोरोना वायरस भी एक परिवार से संबंधित है, जिसमें आम सर्दी जुकाम पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं।
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ऐसे चूहों का इस्तेमाल किया, जिनमें इंसानों जैसी ही रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इन चूहों को सबसे आम सर्दी जुकाम पैदा करने वाले वायरस OC43 से संक्रमित किया गया।
अध्ययन में पाया गया कि OC43 से संक्रमित चूहों में दो तरह की T cells बनीं – CD4+ “हेल्पर” T cells और CD8+ “किलर” T cells। ये दोनों ही T cells न सिर्फ OC43 वायरस से लड़ीं, बल्कि बाद में कोरोना वायरस से भी लड़ने में सक्षम थीं।
अगले चरण में वैज्ञानिकों ने इन चूहों को पहले OC43 और फिर कोरोना वायरस से संक्रमित किया। उन्होंने देखा कि जिन चूहों में पहले से ही OC43 के कारण बनी T cells मौजूद थीं, उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण कम हुआ और उन्हें निमोनिया होने का खतरा भी कम रहा।
यह अध्ययन इस बात का सबूत देता है कि आम सर्दी जुकाम का वायरस कोरोना वायरस से लड़ने में मदद कर सकता है। भविष्य में वैज्ञानिक इसी जानकारी का उपयोग करके ऐसी दवाइयां और टीके बना सकते हैं, जो न सिर्फ कोरोना वायरस से बल्कि अन्य कोरोना जैसी बीमारियों से भी बचाएंगे।