फेफड़े शरीर से कार्बन डाईऑक्साइड को बाहर निकालने का काम भी करते हैं। फेफड़े ऑक्सीजन को फिल्टर करते हैं। और ब्लड के जरिये ये पैर से लेकर मस्तिष्क तक में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं। अगर फेफड़े खराब होंगे तो कार्बन डाईऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाएगा और इससे नुकसान तय है।
लगातारा खांसी आना या खांसी के साथ कफ और बलगम का आना खराब लंग्स की निशानी हैं। सूखी खांसी भी टीबी के कारण हो सकती है। खांसी में अधिक बलगम आए या फिर बलगम के साथ खून आए, तो यह गंभीर फेफड़ों की समस्या का संकेत है। यह क्रोनिक ब्रोन्काइटिस की समस्या का संकेत देता है।
अचानक से आपको सीने में दर्द की लहर उठे या बिना किसी दबाव के भारीपन या दर्द महसूस होता रहता है तो ये लंग्स की खराबी का लक्षण है। अगर खांसने या छींकने के समय यदि आपको अधिक दर्द हो, तो फेफड़ों की जांच जरूर करा लें।
दो कदम चलकर या सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से भी आपको थकान महसूस हो और कमजोरी से शरीर टूटने लगे तो ये लंग्स की खराबी का संकेत है। ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि शरीर की कोशिकाएं को अच्छी तरह से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। यदि फेफड़े काम नहीं कर रहे हैं, तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल सकता है। इससे शरीर में ऊर्जा की कमी होने लगती है और आपको हर समय थकावट महसूस होने लगती है।
जब आपके लंग्स अनहेल्दी होते हैं, उसमें कोई परेशानी होती है, तो आपको सांस लेने में भी तकलीफ महसूस हो सकती है। फेफड़ों के जरिए ही आपका शरीर ऑक्सीजन ग्रहण करता है और कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ता है। फेफड़े ठीक तरह से काम नहीं करते हैं, तो सांस लेने की प्रक्रिया भी बाधित होने लगती है।
शरीर का कोई भी अंग खराब होगा, तो उसका असर आपके वजन पर भी पड़ेगा। आपको कोई भी शारीरिक समस्या होगी, तो आपका वजन कम हो सकता है। फेफड़ों के अनहेल्दी होने पर भी शरीर में इंफ्लेमेशन की समस्या हो सकती है, जिससे मसल्स मास घटने लगती है। इससे वजन भी कम होने लगता है।