हाथरस कांड से प्रदेश ही नहीं देशभर की राजनीति गरम है। हाथरस के हालातों काे देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे जिले में धारा 144 लागू की थी। आराेप है कि पूर्व विधायक ने इसी बीच पंचायत बुलाई। धारा 144 का उल्लंघन करते हुए कानून ताेड़ा। बताया जा रहा है कि इस पंचायत में 500 से अधिक लाेग पहुंचे थे। इस पंचायत में यह मांग उठाई गई थी अभियुक्तों के साथ-साथ पीड़ित पक्ष के लाेगाें का भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाए।
हाथरस पुलिस ( Hathras police ) ने इस मामले में ताे काेई कार्रवाई नहीं की लेकिन धारा 144 के बीच पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे राजनीतिक दलों के नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमें दर्ज कर लिए। पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई से एक बार फिर पुलिस पर सवाल खड़े हाेने लगे थे। बार-बार यह सवाल उठ रहा था कि जब हाथरस में धारा 144 लागू थी ताे पीड़ित पक्ष के गांव से कुछ ही दूरी पर पंचायत कैसे बुला ली गई ? भीम आर्मी प्रमुख (Bhim Army chief ) चंद्रशेखर ने भी यह सवाल हाथरस पहुंचकर उठाया था।
अब इस मामले में फजीहत के बाद आखिरकार पुलिस ने भाजपा नेता के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब क्षेत्र में यही चर्चा है कि पुलिस ने संतुलन दिखाने के लिए यह कार्रवाई की है।