गांवों में 45 खेल मैदानों की स्वीकृतियां
ग्राम पंचायत स्तर पर खेल मैदान विकसित कर युवाओं को खेलों से जोड़ना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिला कलेक्टर के निर्देशन में 45 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान विकसित किए जाएंगे। इसके लिए लगभग 368 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि खेल मैदान से ही नशा मुक्त
हनुमानगढ़ की संकल्पना साकार होगी। इसलिए बिना देरी कार्यों को गति प्रदान करें। साथ ही, भामाशाहों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से भी खेल मैदानों में सुविधाएं बढ़ाई जाए।
मेट अगर होंगे लापरवाही तो होंगे ब्लैकलिस्ट
महात्मा गांधी नरेगा कार्यों में अब मेट की लापरवाही उन्हें ब्लैकलिस्ट करा सकती हैं। एनएमएमएस एप से दर्ज श्रमिकों की उपस्थिति पर ब्लॉक स्तर से नियमित निगरानी रखी जाएगी। जिला कलक्टर ने उपस्थिति की जांच और निरीक्षण में आई कर्मियों पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों की मस्टररोल में अनियमितताएं पाई जाती है, उन अधिकृत मेट को ब्लैकलिस्ट किया जाकर उनकी आईडी भी डिलिट की जाए। पंचायत समिति के विकास अधिकारी ऐसी अनियमितता एवं शून्य टास्क वाली मस्टररोल पर भुगतान नहीं करेंगे।
ऐसे में कोताही नहीं बरतें
जिला कलक्टर ने राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर लबित प्रकरणों को समयबद्ध और संतृष्टिपूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रकरणों को लेकर उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। ऐसे में कोताही नहीं बरतें।
हर शाम खेलेगा गांव
सीईओ जिला परिषद ओ.पी. बिश्नोई ने कहा कि गांवों में मानस खेल गतिविधियों से खेल माहौल बना है। नियमित खेल कराना और आगे बढ़ाना हम सभी की जिमेदारी हैं। उन्होंने कहा कि हर शाम को मैदान में युवा खेलेगा तो नशे से दूर रहेगा। इसलिए अधिकारी खिलाड़ियों के बीच पहुंचकर उन्हें प्रोत्साहित करें। इस दौरान मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0, स्वच्छ भारत मिशन, रिसोर्स रिकवरी सेंटर, महात्मा गांधी नरेगा योजना में श्रमिकों के भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, व्यक्तिगत कार्यों, स्वामित्व सहित सभी जनकल्याणकारी योजनाओं में प्रगति बढ़ाने के दिशा-निर्देश दिए। बैठक में एसीईओ देशराज और सुनील छाबड़ा सहित सभी विकास अधिकारी, अभियंता और जिला परिषद के अधिकारी उपस्थित थे।