गौरतलब है कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रत्येक जिला मुख्यालय पर स्पोर्ट्स स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू की थी। वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनते ही स्पोर्ट्स स्कूलों संबंधी प्रक्रिया बंद कर दी थी।
पिछली भाजपा सरकार के नीतिगत दस्तावेज की घोषणा के अनुसार प्रत्येक जिला मुख्यालय पर स्पोर्ट्स स्कूल खोले जाने थे। मॉडल स्कूल की तर्ज पर स्पोर्ट्स स्कूल संचालित होने थे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ से रामावि या राउमावि का चयन स्पोर्ट्स स्कूल खोलने के संबंध में तथ्यात्मक टिप्पणी के साथ प्रस्ताव मांगे थे। वर्ष 2017 में सभी डीईओ ने स्कूल चिह्नित कर निदेशालय को प्रस्ताव भिजवाए। बाद में कांग्रेस सरकार ने उन प्रस्ताव को सिरे चढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
सफलता के नए द्वार
कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार कर चुके वॉलीबाल कोच बसंतसिंह मान कहते हैं कि ग्रास रूट पर प्रतिभाओं को चिह्नित कर आगे बढ़ाने के लिए स्पोर्ट्स स्कूल, एकेडमी वगैरह जरूरी हैं। जिले में वॉलीबॉल, फुटबॉल, हॉकी आदि खेलों को लेकर अच्छा माहौल तथा प्रतिभाएं हैं। खेल प्रेमी नरेश मोहन ने बताया कि खेलों में बढ़ती युवाओं की रुचि, कॅरियर निर्माण की संभावनाओं तथा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए स्पोर्ट्स स्कूलों की जरूरत और मांग है। सरकार यदि प्रदेश में स्पोर्ट्स स्कूल खोलें तो विद्यालय स्तर पर बेहतर प्रशिक्षण, खेल सामग्री, खेल मैदान सहित अन्य सुविधाएं मिलतीं।