scriptRajasthan News : खेत में जलाई पराली तो होंगे ये बड़े नुकसान, जानें क्यों कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह | Rajasthan Hanumangarh If You Burn Stubble in Field Huge Losses Agriculture Department has given Advice to Farmers | Patrika News
हनुमानगढ़

Rajasthan News : खेत में जलाई पराली तो होंगे ये बड़े नुकसान, जानें क्यों कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह

Hanumangarh News : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में रबी सीजन शुरू हो गया है। कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि अधिक उत्पादन चाहिए तो खेत में पराली न जलाएं। इसके साथ किसानों कुछ और बड़ी बातें बताई।

हनुमानगढ़Nov 09, 2024 / 04:25 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Hanumangarh If You Burn Stubble in Field Huge Losses Agriculture Department has given Advice to Farmers
Hanumangarh News : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में रबी सीजन शुरू हो गया है। किसान खेतों में रबी फसलों की बिजाई में जुटे हुए हैं। अब तक 60 हजार से अधिक क्षेत्र में सरसों की बिजाई हो चुकी है। मौसम का पारा थोड़ा गिरने पर अब गेहूं की बिजाई भी शुरू कर दी गई है। इस बीच कृषि विभाग के अधिकारी कम सिंचाई पानी वाली फसलों की बिजाई करने की सलाह दे रहे हैं। इधर धान उत्पादक किसान लगातार खेतों में पराली जला रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर इनसे समझाइश के प्रयास चल रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों की सलाह है कि किसान पराली को खेतों में नहीं जलाएं। पशु चारे के रूप में इसका विकल्प बनाएं। ताकि मिट्टी की सेहत भी नासाज नहीं बने।

मित्र कीट जलकर हो रहे हैं राख

जानकारी के अनुसार खेत में पराली जलाने से कई तरह के मित्र कीट जलकर राख हो रहे हैं। जबकि भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए इन मित्र कीटों का मिट्टी में रहना आवश्यक होता है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि लंबे समय तक अच्छी पैदावार लेने के लिए खेतों में पराली को नहीं जलाएं। इससे मिट्टी की सेहत भी दुरुस्त रहेगी।
यह भी पढ़ें

Rajasthan News : 30 नवंबर तक नहीं कराया e-KYC, तो नहीं मिलेगी घरेलू गैस सिलेंडर पर सब्सिडी

समझ से काम ले किसान

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हमारे आसपास के मिट्टी की सेहत लगातार बिगड़ रही है। विद्युत चालकता और पीएच मान में बढ़ोतरी होने से भविष्य में उर्वरा शक्ति प्रभावित होने का खतरा भी मंडराने लगा है। ऐसे वक्त में किसानों को समझ से काम लेने की जरूरत है। ताकि भविष्य में भी भूमि की उर्वरा शक्ति बरकरार रह सके।
यह भी पढ़ें

Rajasthan News : यूजीसी का नया फैसला, नेट परीक्षा में आयुर्वेद बायलॉजी विषय शामिल, राजस्थान के छात्र खुश

प्रयोगशाला में जाएं किसान

1- जिला व ज्यादतर ब्लॉक स्तर पर मिट्टी की जांच के लिए प्रयोग शाला की सुविधा दी गई है। इसमें जाकर किसान मिट्टी की जांच करवा सकते हैं।

2- इसके आधार पर फसल बिजाई कर सकते हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार वर्ष 2015-16 से अब तक जिले में कुल सवा आठ लाख से अधिक सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए गए हैं। इन नमूनों का विश्लेषण करने के बाद जो स्थिति सामने आई है, वह ठीक नहीं है।
3- जमीन में लगातार घटते-बढ़ते पीएच मान के बावजूद हमारे किसान भविष्य के खतरे की आहट को नहीं समझ रहे हैं।

4- पृथ्वी की उपजाऊ क्षमता की बात करें तो हनुमानगढ़ की मिट्टी की उर्वरा शक्ति 9. 2 स्केल पर पहुंच गई है। जो हमारे लिए खतरे का संकेत है। सामान्य तौर पर मिट्टी का पीएच मान 8.5 से कम होना चाहिए।
यह भी पढ़ें

PM Vidyalakshmi Scheme : राजस्थान के सिर्फ इन 11 संस्थानों के छात्र-छात्राओं को ही मिलेगा Loan, जानें क्या है वजह

इतना है जैविक कार्बन

1- हनुमानगढ़ जिले की मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा औसतन 0.25 प्रतिशत रही है। जबकि 0.5 प्रतिशत तक होना चाहिए। खेती में जैविक व गोबर खाद का उपयोग कम होने तथा रासायनिक खाद का अधिक उपयोग करने के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। जैविक खाद का अधिकाधिक उपयोग करके मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
2- मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में कृषि अनुसंधान अधिकारी जीएस तूर ने किसानों से आग्रह किया है कि प्रत्येक किसान अपने खेत की मिट्टी व टयूवबैल पानी की समय-समय पर जांच करवाएं।

3- जांच रिपोर्ट के अनुसार मिट्टी को सुधारने की तकनीक के अनुसार कार्यवाही की जाए। खेत की मृदा को स्वस्थ रखने के लिए फसल अवशेषों को नहीं जलाएं। उचित प्रबंधन कर खेत में मिलाकर मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाएं।

Hindi News / Hanumangarh / Rajasthan News : खेत में जलाई पराली तो होंगे ये बड़े नुकसान, जानें क्यों कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह

ट्रेंडिंग वीडियो