बता दें 5 जुलाई को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने शहर के विकास कार्यों और परियोजनाओं की समीक्षा के लिए बैठक की थी। इसमें डैशबोर्ड बनाकर सभी संबंधित अधिकारियों को काम के बारे में हर जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। सात दिन बाद सांसद भारत सिंह कुशवाह ने अधिकारियों से दो टूक कह दिया कि उनको हर विकास कार्य के बारे में बताएं।
बैठक में विधायकों ने भी अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं सामने रखी। मंत्री कुशवाह ने लश्कर क्षेत्र की बस्तियों की पेयजल व्यवस्था को और मजबूत करने को कहा। वहीं ऊर्जा मंत्री ने कहा, पेयजल परियोजना ऐसी बनाएं जिससे बस्तियों में आखिरी छोर तक पानी की आपूर्ति हो सके।
सांसद ने कहा, शहर के हर बड़े प्रोजेक्ट का मैं करूंगा निरीक्षण
सांसद ने विभागीय अधिकारियों से कार्यों को पूरा करने के लिये समयबद्ध कार्ययोजना मांगी है। विभागीय अधिकारियों से कहा, कार्ययोजना में स्पष्ट उल्लेख हो कि किस माह में कितना कार्य किया जाएगा। सांसद ने कहा कि वे हर शनिवार को विभागीय अधिकारियों के साथ शहर के बड़े प्रोजेक्ट का निरीक्षण करेंगे, जिससे अनुरूप सभी प्रोजेक्ट समय-सीमा में व गुणवत्ता के साथ पूरे कराए जा सकें। बैठक में सांसद ने प्रोजेक्ट के ले-आउट मांगे, लेकिन अधिकारी वे प्रस्तुत नहीं कर सके।
प्रोजेक्ट में देरी होने पर लगाएं पेनल्टी कामों की जांच दूसरी एजेंसी से कराएं
1 – सभी प्रोजेक्ट समयसीमा में पूरे किए जाएं। निर्माण एजेंसी की वजह से विलंब होने पर उससे हर्जाना वसूला जाए। इसमें संबंधित विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो। 2 – कलेक्टर साडा क्षेत्र के 28 गांवों एवं घाटीगांव व भितरवार के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए मंजूर परियोजनाओं के अब तक हुए कार्यों की जांच किसी दूसरी एजेंसी से कराएं।
3 – नल-जल योजना को हैंडओवर करने से पहले विधायक व स्थानीय जनप्रतिनिधियों का अवलोकन कराएं। सप्लाई लाइन के लिए खोदी गईं सड़कों को पूरी तरह ठीक कराया जाए।
सियासी टकराव इसलिए कहा, क्योंकि अब सब कहने लगे हैं
ग्वालियर अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर दो बड़े राजनेता हैं। 2020 से पहले सिंधिया कांग्रेस में थे, लेकिन उनके भाजपा में आने के बाद से ही सियासी गलियारे में गुटबाजी की चर्चाएं चलती रही हैं। शिकवा-शिकायतें दिल्ली तक पहुंचीं। अब तो नगर निगम परिषद की बैठकों में इसका जिक्र किया जाने लगा है। हाल में कांग्रेस पार्षदों ने सिंधिया की बैठक में सांसद को नहीं बुलाए जाने की बात कही थी।
ये भी पढ़ें: Good News: अब रोड पर नहीं आसमान में सफर, एमपी में शुरू हुआ स्काय बस प्रोजेक्ट पर काम