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ग्वालियर-चंबल- मालवा में तेज बौछारें पड़ने की संभावना
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि, मानसून द्रोणिका अजमेर, गुना उमरिया, अंबिकापुर, जमशेदपुर से बंगाल की खाड़ी तक पहुंच चुकी है। उत्तरी मध्य प्रदेश पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बन रहा है। दक्षिणी गुजरात पर भी एक चक्रवात सक्रिय है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पास भी पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का टकराव हो रहा है। इन चार सिस्टम के कारण प्रदेश के ग्वालियर चंबल और मालवा क्षेत्र में तेज बौछारें पड़ने की अधिक संभावना है।
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बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सिस्टम बनने का इंतजा़र
एक तरफ मौसम विभाग का कहना है कि, प्रदेश में चार सिस्टम सक्रिय हैं, बावजूद इसके प्रदेशभर में कहीं भी झमाझम बारिश नहीं हो रही है, ऐसे में विभाग का मानना है कि, पर्याप्त दबाव बनने के लिए कुछ और सिस्टम का इंतजार करना होगा। प्रदेश में झमाझम बारिश तभी होगी जब बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवात बनेगा। हालांकि जो फिलहाल सिस्टम सक्रिय हैं उनसे ग्वालियर-चंबल और मालवा क्षेत्र में बौछारें पड़ने के आसार है।
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24 जुलाई के बाद तेज बारिश के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में फिलहाल कोई मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। इसी के चलते मध्य प्रदेश में अब तक तेज बारिश की झड़ी नहीं लगी रही है। हालांकि, कहीं कहीं छुटपुट बौछारों का सिलसिला जारी है। 24 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक ऊपरी हवा का चक्रवात बन सकता है। उसके सक्रिय होने के बाद ही प्रदेश में एक बार फिर मानसून के रफ्तार पकड़ने के आसार हैं।
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9 जिलों में सामान्य से कम बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में अब तक इस सीजन की कुल 306.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 269.9 मिलीमीटर ज्यादा है। यानी अब तक 14 फ़ीसदी बारिश ही ज्यादा हुई है। इसके बावजूद प्रदेश में अब भी 9 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से भी कम बारिश हुई है। इनमें ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, श्योपुर टीकमगढ़, जबलपुर, छतरपुर, मंदसौर और अलीराजपुर शामिल है। कम बारिश होने से यहां किसानों के लिए परेशानी बढञ गई है।