बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नए अध्यक्ष
भाजपा पहले से ही संगठन चुनाव कराने की कगार पर है, बूथ से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नए अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। हमेशा की तरह, पहले पार्टी की स्थानीय समितियों के चुनाव होंगे, उसके बाद मंडल, जिला, क्षेत्रीय और राज्य समितियों के लिए उपचुनाव होंगे। प्रत्येक स्तर पर चुने गए अध्यक्ष पदाधिकारियों की एक टीम को नामित करते हैं। आधे राज्यों में चुनाव होने के बाद पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव होता है। इसके बाद नया राष्ट्रीय अध्यक्ष पदाधिकारियों की एक टीम को नामित करता है। पूरी प्रक्रिया में करीब दो महीने लगते हैं।BJP में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के ये हैं नियम
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल अधिकतम तीन साल का होता है। इसके साथ ही कोई व्यक्ति लगातार दो बार ही अध्यक्ष बन सकता है। यह संशोधन 2012 में किया गया था, जब RSS चाहता था कि नितिन गडकरी लगातार दूसरी बार भाजपा की कमान संभालें। हालांकि, आखिरी समय में राजनाथ सिंह ने गडकरी की जगह ली और 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के जीतने तक इस पद पर बने रहे। उसके बाद अमित शाह ने उनकी जगह भाजपा अध्यक्ष का पद संभाला। नड्डा जनवरी 2020 से पार्टी अध्यक्ष हैं और उनका कार्यकाल बढ़ा हुआ है।